LMOTY 2020: करोना महामारी में अनुकरणीय योगदान के लिए रोहिदास बोरसे को 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड'
By उस्मान | Updated: March 18, 2021 16:27 IST2021-03-16T17:06:29+5:302021-03-18T16:27:03+5:30
रोहिदास कोरोना के दौरान मरीजों के परिजनों उनकी परिस्थिति की जानकारी देने की शुरुआत की

रोहिदास बोरसे
पुणे में ससून सर्वोपचार अस्पताल में सघन चिकित्सा इकाई प्रमुख डॉक्टर रोहिदास बोरसे को 'लोकमत महाराष्ट्रीयन ऑफ द ईयर अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया है.
कौन हैं रोहिदास बोरसे
मार्च में महाराष्ट्र में कोरोना का सबसे पहला मरीज पुणे में मिला और चिकित्सा तंत्र के कान खड़े हो गए. शुरुआत में नायडू अस्पताल में कोरोना रोगियों को भरती किया जाता था, मगर जैसे-जैसे रोगियों की संख्या बढ़ी वैसे-वैसे पुणे ससून सर्वोपचार अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई में रोगियों का भरती होना आरंभ हो गया.
क्यों मिला पुरस्कार
इस लड़ाई में सेनापति के रूप में सामने आए अस्पताल की सघन चिकित्सा इकाई के प्रमुख डॉ. रोहिदास. गंभीर रोगियों की ध्यान रखते हुए उनके परिजनों को परिस्थिति की जानकारी देने की हर तरह की जिम्मेदारी आपकी सक्षम टीम ने संभालने की शुरुआत की.
आठ-दस दिन छोड़ दिए जाएं तो वह 350-360 दिनों से दिन-रात रोगियों की जिम्मेदारी निभा आ रहे हैं. कोरोना का प्रभाव दोबारा बढ़ने के बीच अब डॉ बोरसे अन्य विभागों के डॉक्टर, नर्स, जिले के चिकित्सा अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं.
मार्च 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में ससून अस्पताल के डॉ रोहिदास बोरसे से संपर्क कर परिस्थिति की जानकारी हासिल की थी. उन्होंने मानवीय सेवा के लिए समर्पण पर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए वह मरीजों को क्या जानकारी देते हैं, इस बात की जानकारी डॉ बोरसे से हासिल की थी.
डॉ बोरसे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्वास दिलाया था कि 'कोरोना के खिलाफ लड़ाई हम जीतेंगे’ और उसे वास्तविकता में बदल कर भी दिखाया. पिछले 31 साल से बीमारों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करने वाले डॉ बोरसे को 'लोकमत' महाराष्ट्रीयन ऑफ द इयर पुरस्कार देते हुए हमें विशेष खुशी हो रही है.