पशुपति कुमार पारस बोले- पार्टी उसकी, जिसके पास बहुमत, सियासी घमासान के बीच लोजपा सांसद ने बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक
By एस पी सिन्हा | Published: June 16, 2021 08:28 PM2021-06-16T20:28:57+5:302021-06-16T21:18:32+5:30
लोजपा में विद्रोहः पशुपति कुमार पारस ने जहां पार्टी पर कब्जा जमा लिया है, तो वहीं उनके भतीजे चिराग अब पार्टी दफ्तर पर कब्जा जमाने की कोशिश में लगे हैं.
पटनाः लोजपा के संस्थापक और पूर्व केन्द्रीय मंत्री रहे स्वर्गीय रामविलास पासवान के बेटे सांसद चिराग पासवान और उनके चाचा सांसद पशुपति कुमार पारस के बीच की कुर्सी की लड़ाई का पटाक्षेप इतनी जल्दी और आसानी से खत्म होता नहीं दिख रहा है.
स्वर्गीय पासवान की पार्टी लोजपा में अब कब्जे की लड़ाई शुरू हो चुकी है. पशुपति कुमार पारस ने जहां पार्टी पर कब्जा जमा लिया है, तो वहीं उनके भतीजे चिराग अब पार्टी दफ्तर पर कब्जा जमाने की कोशिश में लगे हैं. लोजपा में मचे सियासी घमासान के बीच पशुपति कुमार पारस आज दिल्ली से पटना पहुंचे.
पशुपति कुमार पारस आज दिल्ली से पटना पहुंचे
We wanted to contest the election in alliance with NDA but he (Chirag Paswan) didn't agree to it. This is the reason why LJP is on the verge of an end: Pashupati Kumar Paras, LJP pic.twitter.com/Sqq7knN7Wv
— ANI (@ANI) June 16, 2021
प्राप्त जानकारी के अनुसार पशुपति कुमार पारस गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करेंगे. संसदीय दल का नेता चुनने के बाद पारस आज पहली बार पटना आये हैं. पारस खेमे की तरफ से कल यानी गुरुवार को पटना में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक को बुलाने का फैसला मंगलवार को ही ले लिया गया था.
लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के आवास पर बैठक
बताया जा रहा है कि लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के आवास पर यह बैठक आयोजित की जाएगी. पार्टी के प्रदेश कार्यालय मैं इस बैठक को नहीं बुलाया गया है. सूरजभान सिंह के आदेश से ही कार्यकारिणी की बैठक बुलाने का फैसला किया गया. पारस खेमे ने उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है.
वहीं, पशुपति कुमार पारस के एक्शन के बाद अब चिराग पासवान भी रिएक्शन के मोड में आ गए हैं. पिछले दो दिनों से पारस गुट केंद्रीय चुनाव आयोग के पास जा कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दावेदारी पेश करने में अब तक सफल नहीं हुआ है. जानकारों के अनुसार दो दिनों से पार्टी के प्रदेश अध्यक्षों व अन्य पदाधिकारियों से समर्थन जुटा कर दावेदारी की कोशिश अब तक नाकाम रही है.
अब पारस गुट को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर नई कार्यकारिणी का गठन करना होगा. इसके बाद ही केंद्रीय चुनाव आयोग में राष्ट्रीय अध्यक्ष के दावेदारी के लिए आवेदन किया जा सकता है. दूसरी तरह सूचना है कि जल्द ही चिराग भी पटना आने वाले हैं. चिराग की ओर से भी क्षेत्र में घूम कर जनमत जुटाने की अभी कोशिश बाकी है.
लोजपा कार्यालय के सभी पोस्टर बदले
उधर, लोजपा के पांच सांसदों के पटना आने से पूर्व राजधानी लोजपा कार्यालय के सभी पोस्टर को बदल दिया गया था. लोजपा के बैनर में सबसे पहले बाएं तरफ रामविलास पासवान का फोटो लगाया गया है, वही ठीक दाएं तरफ पशुपति पारस का फोटो लगाया गया है. जबकि पोस्टर में प्रिंस राज, वीणा देवी, चौधरी महबूब अली कैसर, चंदन सिंह और सूरज भान सिंह को भी जगह दी गई है.
लेकिन चिराग पासवान को इस पोस्टर से गायब कर दिया. बैनर पोस्टर को पार्टी कार्यालय सहित आसपास के इलाकों में लगाया गया है. जानकारों की अगर मानें तो सूरजभान सिंह के ऊपर यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराएं. पांच सांसदों ने जिस तरह चिराग पासवान के खिलाफ बगावत की.
राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान पर नकेल
उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने उन्हें मंगलवार की शाम पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. इसके बावजूद पारस खेमे ने अलग से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बुला रहा है. इस बैठक में एलजेपी के तमाम जिला अध्यक्षों के अलावे दलित सेना के जिला अध्यक्षों को भी आमंत्रित किया गया है.
सभी प्रत्याशियों को भी बैठक में आने का आमंत्रण दिया गया है. हालांकि अध्यक्ष का चुनाव केवल राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य कर सकते हैं. इसके बावजूद पारस ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मौके पर अपना समर्थन दिखाने के लिए दलित सेना के लोगों को भी बुलाया है. ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि पलड़ा किसका भारी रहता है. लेकिन तत्काल शह और मात का खेल जारी है.