नई दिल्ली: राज्यसभा में दिल्ली हिंसा पर आज बहस के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। वहीं सता पक्ष के सदस्यों ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि दिल्ली में हिंसा के बाद पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की। उन्होंने यह दावा किया कि हालात अभी सामान्य नहीं हुए हैं और लोगों में अब भी भय का माहौल है।
आनंद शर्मा ने कहा कि, ‘विरोध करना लोगों का अधिकार है। शासन-प्रशासन का रवैया चिंताजनक है।' उन्होंने कहा कि राजद्रोह के मामले का दुरुपयोग किया जा रहा है। शर्मा ने दावा किया कि, 'दिल्ली हिंसा में पहले कुछ दिनों तक जान-बूझकर कार्रवाई नहीं की गई। जवाबदेही तय होनी चाहिए। अब जो कार्रवाई हो रही है, वह एकतरफा है। जो लोग धरने पर थे, उन पर संगीन धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।’ आनंद शर्मा ने सवाल किया कि अगर भाजपा नेताओं के भाषण नफरत वाले नहीं थे तो फिर किसके बयान नफरत भरे थे?
वहीं, भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह एक विचित्र दंगा था क्योंकि पहली बार ऐसा हुआ कि कोई विदेशी राज्याध्यक्ष भारत में था और दंगा हो गया। त्रिवेदी ने कहा कि यह एकमात्र ऐसे दंगे हुए जिनमें विपक्षी नेताओं द्वारा शांति की अपील नहीं हुई उल्टा भड़काने वाले बयान दिए गए।
बहस के दौरान सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि भड़काऊ बयान देने वालों पर अब तक एफआईआर नहीं हुई। कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि दिल्ली जल रही थी और प्रधानमंत्री 70 घंटों तक चुप थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नफरत का वायरस फैला रहे है।