शराब विक्रेता दिल्ली सरकार के आदेश के खिलाफ पहुंचे हाईकोर्ट, बोले, शराब बिक्री के छूट पर रोक का आदेश मौलिक अधिकारों के खिलाफ
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 2, 2022 05:32 PM2022-03-02T17:32:56+5:302022-03-02T17:43:25+5:30
दिल्ली सरकार ने शराब के किसी भी ब्रांड पर मिल रही छूट पर इसलिए प्रतिबंध लगाया है कि क्योंकि छूट के कारण शराब दुकानों के बाहर लंबी भीड़ लग रही थी और उससे कोरोना संक्रमण के फिर से भयावह रूप लेने की आशंका है।
नई दिल्ली: दिल्ली के शराब विक्रेताओं ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली सरकार के 28 फरवरी के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसके तहत दिल्ली सरकार ने शराब बिक्री में किसी भी ब्रांड पर मिल रही छूट पर रोक लगाने का फैसला किया है।
दरअसल दिल्ली सरकार ने शराब के किसी भी ब्रांड पर मिल रही छूट पर इसलिए प्रतिबंध लगाया है कि क्योंकि छूट के कारण शराब दुकानों के बाहर लंबी भीड़ लग रही थी और उससे कोरोना संक्रमण के फिर से भयावह रूप लेने की आशंका है।
दिल्ली की एलजेड7 लाइसेंस धारक शराब विक्रेताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली सरकार ने जून 2021 में साल 2021-2022 के लिए जिस नई आबकारी नीति को मंजूरी दी थी, उसके तहत शराब की दुकानों को बिक्री पर छूट के लिए अनुमति दी गई थी।
याचिका में कहा गया है कि नई आबकारी नीति के क्लॉज 4.1.9 (viii) की अंतिम पंक्ति में कहा गया है "लाइसेंसधारक एमआरपी पर रियायत या छूट देने के लिए स्वतंत्र है।
वहीं इसके साथ ही शराब बिक्री के लिए जारी दिल्ली सरकार के टेंडर के क्लॉज 3.5 .1 में कहा गया है कि लाइसेंसधारक एमआरपी पर रियायत या छूट देने के लिए स्वतंत्र हैं।
शराब विक्रेताओं की ओर से मामले में पैरवी कर रहे वकील संजय एबॉट, तन्मया मेहता और हनी उप्पल ने कहा कि दिल्ली सरकार की यह कार्रवाई भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों के खिलाफ मनमाने, स्पष्ट रूप से, मनमाने, असंगत और भेदभावपूर्ण की श्रेणी में आते हैं। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का आदेश न्याय व्यवस्था का पूरी तरह से उल्लंघन कर रहा है।
मालूम हो कि दिल्ली के आबकारी आयुक्त अर्व गोपी कृष्णा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एलजेड7 लाइसेंसधारी शराब विक्रेता एमआरपी पर कोई छूट या रियायत नहीं दे सकते हैं।
वहीं इसके साथ ही आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर आदेश जारी होने के बाद भविष्य में अगर कोई लाइसेंसधारी शराब विक्रेता किसी ब्रांड पर छूट या रियायत दिए जाने की सूचना मिलती है तो नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।