लाइव न्यूज़ :

लॉकडाउन संकट: मानवीय आधार पैदल जाने वाले प्रवासी मजदूरों को रोकेंगे नहीं, महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा

By भाषा | Updated: May 11, 2020 11:36 IST

महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूर घर जाने को इतने बेचैन हैं कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों की कार्रवाई झेलने को भी तैयार हैं. इसलिए हमने सख्ती ना करने का फैसला किया है. केवल मेरा मंत्रालय नहीं बल्कि पूरी सरकार उनकी मदद करने की कोशिश कर रही है.

Open in App
ठळक मुद्देमजदूरों ने कहा था कि वे दिवाली के बाद वापस आ सकते हैं लेकिन अभी वे घर जाना चाहते हैं: अनिल देशमुख कोरोना वायरस संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है, यहां अब तक 20 हजार से ज्यादा मा्मले आए हैं

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हजारों प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घरों को लौटने को लेकर बेचैन हैं और सरकार ने भी लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन के बावजूद मानवीय आधार पर उन्हें ना रोकने का निर्णय किया है। देशमुख ने ‘पीटीआई-भाषा’ को कहा कि राज्य सरकार की मांग पर रेल सेवाएं पहले शुरू कर दी गईं होती तो मजदूरों को परेशानी थोड़ी कम हुई होती।

देशमुख ने कहा, ‘‘ यह सच है कि प्रवासी मजदूर जो सैकड़ों किलोमीटर दूर स्थित अपने घरों के लिए पैदल निकल गए हैं वे लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं लेकिन हम उन्हें मानवीय आधार पर जाने दे रहे हैं।’’ पिछले महीने सैकड़ों प्रवासी मजदूर बांद्रा स्टेशन पर इकट्ठे हो गए थे और उनके वापस जाने के लिए व्यवस्था किए जाने की मांग कर रहे थे, तब पुलिस ने लाठी चार्ज कर उन्हें तितर-बितर किया था। देशमुख ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले सख्ती दिखाने की कोशिश की थी लेकिन लॉकडाउन बढ़ाए जाने से ‘‘मजदूरों का सब्र अब जवाब दे चुका है’’।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर रेल सेवाएं पहले शुरू हो जाती, जैसा कि उद्धव ठाकरे सरकार मांग कर रही थी तो मजदूरों को कम परेशानी होती।’’ देशमुख ने कहा कि सरकार और मजदूरों के बीच संवाद की कमी थी जिसे पहले ही दूर किया जा सकता था। उन्होंने कहा, ‘‘ हमने कभी नहीं सोचा था कि लॉकडाउन इतने लंबे समय तक चलेगा। हमने मजदूरों से बात करने की कोशिश भी की। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी कई बार अपील की लेकिन प्रवासी मजदूरों ने अपने घर लौटने का फैसला कर लिया है।’’ दे

शमुख ने कहा कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों को समझाने की कोशिश की कि राज्य में कुछ उद्योग शुरू हो गए हैं और आगे भी कुछ ढील दी जाएगी, वे यहां से ना जाएं। मंत्री ने कहा, ‘‘ अस्थायी आश्रय गृहों के दौरे के दौरान मजदूरों ने मुझसे कहा था कि वे दिवाली के बाद वापस आ सकते हैं लेकिन अभी वे घर जाना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि वे पैदल घर लौटने का फैसला कर बड़ा जोखिम उठा रहे हैं क्योंकि यात्रा पूरी करने के लिए ना उनके पास पैसे हैं और ना ही पूर्ण संसाधन। मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने तेलंगाना में मौजूद मध्य प्रदेश के 10,000 मजदूरों के परिवहन का खर्च भी उठाया है। उन्होंने कहा, ‘‘ तेलंगाना सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र सीमा पर छोड़ दिया था। हमारी सरकार ने उन्हें पनाह दी, भोजन दिया और फिर मध्य प्रदेश सीमा पर उन्हें छोड़ा गया। महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए कोई पैसे नहीं लिए।’’ 

टॅग्स :प्रवासी मजदूरकोरोना वायरस लॉकडाउनमहाराष्ट्रकोरोना वायरसमुंबईउद्धव ठाकरेमहाराष्ट्र में कोरोना
Open in App

संबंधित खबरें

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

क्राइम अलर्टNanded Honor Killing: प्रेम संबंध के चलते दलित युवक की हत्या के आरोप में 1 और आरोपी गिरफ्तार, पीड़ित परिवार को दी गई सुरक्षा

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतIndiGo Flight: कुवैत से हैदराबाद जा रहे विमान को मुंबई किया गया डायवर्ट, 'ह्यूमन बम' की धमकी के बाद एक्शन

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट