मुख्य न्यायाधीश का स्थानांतरण मेघालय उच्च न्यायालय करने के प्रस्ताव के खिलाफ वकीलों का प्रदर्शन

By भाषा | Updated: November 12, 2021 16:47 IST2021-11-12T16:47:20+5:302021-11-12T16:47:20+5:30

Lawyers protest against proposal to transfer Chief Justice to Meghalaya High Court | मुख्य न्यायाधीश का स्थानांतरण मेघालय उच्च न्यायालय करने के प्रस्ताव के खिलाफ वकीलों का प्रदर्शन

मुख्य न्यायाधीश का स्थानांतरण मेघालय उच्च न्यायालय करने के प्रस्ताव के खिलाफ वकीलों का प्रदर्शन

चेन्नई, 12 नवंबर मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी का स्थानांतरण मेघालय किये जाने का विरोध करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के 200 से अधिक वकीलों ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण तथा उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम को पत्र भेजा है और उनसे न्यायमूर्ति बनर्जी को भेजने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।

वकीलों के 11 नवंबर की तारीख के ज्ञापन को प्रधान न्यायाधीश को संबोधित किया गया है और उसकी प्रतियां कॉलेजियम के अन्य सदस्यों को भेजी गयी हैं। इसमें स्थानांतरण के प्रस्ताव को ‘एक ईमानदार और निडर न्यायाधीश’ के खिलाफ ‘दंडात्मक कदम’ कहा गया है।

बारह पन्नों के ज्ञापन में वरिष्ठ अधिवक्ता आर वैगई और वी प्रकाश समेत 237 वकीलों ने दस्तखत किये हैं। वकील एनजीआर प्रसाद और सुधा रामलिंगम ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं।

इसमें कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश बनर्जी का 75 न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या वाले मद्रास उच्च न्यायालय से 2013 में स्थापित मेघालय उच्च न्यायालय में स्थानांतरण चिंताजनक प्रश्न उठाता है, जिसमें वर्तमान में न्यायाधीशों की संख्या केवल दो है।

ज्ञापन के अनुसार न्याय के बेहतर प्रशासन के लिए स्थानांतरण सैद्धांतिक रूप से आवश्यक हो सकता है, लेकिन बार के सदस्यों को यह जानने का अधिकार है कि ‘‘एक सक्षम, निडर न्यायाधीश और एक बड़े उच्च न्यायालय के कुशल प्रशासक, जहां एक वर्ष में 35,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे, को ऐसे न्यायालय में स्थानांतरित क्यों किया जाना चाहिए जहां एक महीने में आने वाले मामलों की कुल संख्या औसतन 70-75 ही हो।’’

पत्र में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश बनर्जी ने अपनी संवैधानिक और वैधानिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए हर स्तर पर अधिकारियों से जवाबदेही की मांग की है। वकीलों ने लिखा कि उन्हें निष्पक्ष माना जाता है, वह न्याय प्रणाली के कामकाज में सुधार के लिए सभी वर्गों से सुझाव प्राप्त करते हैं और न्यायपालिका को मजबूत करने के लिए उन्होंने सक्रिय कदम उठाये हैं।

न्यायमूर्ति बनर्जी ने 4 जनवरी, 2021 को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कामकाज संभाला और वह नवंबर, 2023 में सेवानिवृत्त हो सकते हैं।

रोचक बात यह है कि इससे पहले, 2019 में मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रहीं न्यायमूर्ति विजया के. ताहिलरमानी का तबादला भी मेघालय उच्च न्यायालय में ही किया गया था और उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।

मेघालय उच्च न्यायालय में अपने स्थानांतरण और मामले में पुनर्विचार की अपनी याचिका खारिज किये जाने के बाद विरोध दर्ज कराने के लिए उन्होंने छह सितंबर को त्यागपत्र सौंप दिया और राष्ट्रपति ने 20 सितंबर, 2019 को उसे स्वीकार कर लिया था।

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