दिल्ली विधानसभा की रजत जयंती में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के हिस्सा लेने के लिए स्वीकृति देने पर दिल्ली भाजपा के कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई है। विधानसभा में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) का प्रभुत्व है। कई नेताओं ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि आडवाणी को कार्यक्रम से अलग रहना चाहिए।
इसके कुछ देर बाद दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी शनिवार को दिल्ली विधानसभा के रजत जयंती समारोह में निजी कारणों से भाग नहीं ले पायेंगे। गोयल ने आडवाणी को दिल्ली विधानसभा की पहली बैठक की 25 वीं वर्षगांठ पर आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था।
गोयल ने बुधवार को देर रात कहा, ‘‘आडवाणी जी के निजी सहायक ने मुझे बताया है कि वह निजी कारणों से इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे।’’ दिल्ली भाजपा नेताओं के एक वर्ग ने आडवाणी द्वारा कथित रूप से यह निमंत्रण स्वीकार किये जाने पर आपत्ति जताई थी।
दिल्ली भाजपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘‘आप के नेता और खासकर उनके प्रमुख अरविंद केजरीवाल लगभग हर प्लेटफॉर्म से अपना एजेंडा आगे बढ़ाते हैं। इस मामले में आडवाणी अनजाने में उनका ‘टूल’ बन जाएंगे।’’ दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष ने सदन की पहली बैठक की 25वीं जयंती पर आडवाणी को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बताया था कि 15 दिसम्बर को होने वाले कार्यक्रम के लिए आडवाणी ने उनके निमंत्रण को स्वीकार कर लिया।
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मामले में पार्टी नेताओं की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि आडवाणी को कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि इससे वह आप सरकार की ‘‘नकारात्मकता’’ को खत्म कर सकेंगे। तिवारी ने कहा, ‘‘केजरीवाल का दृष्टिकोण नकारात्मक है। मैं जानता हूं कि उन्होंने आडवाणी को सकारात्मक नजरिये से निमंत्रण नहीं दिया है, फिर भी उन्हें वहां जाना चाहिए।’’