लखीमपुर हिंसा: फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा, आशीष मिश्रा और अंकित दास की गन से चली थी गोली

By विनीत कुमार | Published: November 9, 2021 12:07 PM2021-11-09T12:07:19+5:302021-11-09T12:45:06+5:30

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हो गई है। किसानों ने इससे पहले हिंसा में फायरिंग किए जाने का मामला उठाया था।

Lakhimpur Kheri violence forensic report says gun of Ankit Das, Ashish Misra were fired | लखीमपुर हिंसा: फॉरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा, आशीष मिश्रा और अंकित दास की गन से चली थी गोली

लखीमपुर हिंसा: आशीष मिश्रा और अंकित दास की गन से चली थी गोली (फाइल फोटो)

Highlightsफॉरेंसिंक साइंस लेबोरेट्री की रिपोर्ट लाइसेंसी हथियारों से फायरिंग किए जाने की पुष्टि।इस रिपोर्ट के बाद मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं।इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच को लेकर यूपी सरकार पर नाराजगी जताई थी।

नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी में पिछले महीने हुई हिंसा के मामले में चल रही जांच के बीच फॉरेंसिक रिपोर्ट आई है।सूत्रों के अनुसार फॉरेंसिंक साइंस लेबोरेट्री की ओर से मंगलवार को दी गई रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की गई है कि अंकित दास और आशीष मिश्रा के लाइसेंस गन से 3 अक्टूबर को लखीमपुर हिंसा के दौरान गोली चलाई गई। आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे हैं।

लखीमपुर पुलिस ने अंकित दास की रिपीटर (Repeater) और पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल सहित रिवॉल्वर को जब्त कर लिया था। सभी हथियारों को 15 अक्टूबर को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था। 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार आशीष मिश्रा के लाइसेंसी असलहे से फायरिंग की पुष्टि हुई है। हालांकि फिलहाल अभी ये बात सामने नहीं आ सकी है कि फायरिंग राइफल या रिवॉल्वर, किससे हुई थी। किसानों ने आरोप लगाया था कि आशीष और अंकित ने हिंसा के दौरान कई राउंड फायरिंग की थी।

लखीमपुर हिंसा की घटना में 8 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में 4 किसान और एक स्थानीय पत्रकार भी शामिल था। किसानों की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में आशीष मिश्रा, आशीष पांडे और लवकुश राणा शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट जता चुका है मामले की जांच पर नाराजगी

इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच अपेक्षा के अनुरूप न होने की शिकायत करते हुए एसआईटी जांच की निगरानी अलग हाई कोर्ट के एक पूर्व जज से हर रोज कराने का सुझाव दिया।

चीफ जस्टिस एनवी रमण की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, 'हमने स्टेटस रिपोर्ट देखी है। इसमें में यह कहने के अलावा कुछ भी नहीं है कि कुछ और गवाहों से पूछताछ की गई है। हमने 10 दिन का समय दिया। लेकिन लैब रिपोर्ट नहीं आई है। नहीं, नहीं, नहीं... यह (जांच) उम्मीद के मुताबिक नहीं चल रही है।’

बता दें कि तीन अक्टूबर को किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कुचल दिया। 

इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई। किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष भी थे जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था।

Web Title: Lakhimpur Kheri violence forensic report says gun of Ankit Das, Ashish Misra were fired

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