उत्तर प्रदेश सरकार लखीमपुर खीरी केस में किसी दूसरे राज्य के पूर्व हाईकोर्ट जज से मामले की जाँच कराने को तैयार है। यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कोर्ट इस मामले में जाँच की निगरानी के लिए जिसे नियुक्त करना चाहती है वह कर सकती है।
दरअसल,सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में सुझाव दिया था कि यूपी सरकार किसी दूसरे राज्य के हाई कोर्ट के रिटायर जज की देखरेख में मामले की छानबीन करवाएं। वरिष्ठ वकील साल्वे ने जब कहा कि उन्होंने यूपी सरकार से निर्देश ले लिया है तो चीफ जस्टिस ने कहा कि हम एक दिन का वक्त लेंगे। जज ने कहा, 'जस्टिस राकेश जैन या कोई और देखते हैं।
इस पहले हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार को हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश कुमार जैन के अलावा रनजीत सिंह का नाम सुझाया था। वहीं दूसरा मुद्दा एसआईटी के मेंबर का है।' सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस की एसआईटी को अपग्रेड के निर्देश दिए हैं, जो इस जांच में शामिल हैं। कोर्ट ने यूपी सरकार से IPS अफसरों की लिस्ट मंगलवार तक मांगी है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि आपने एसआईटी मेंबर का नाम नहीं दिया। फिर बेंच में शामिल जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ज्यादातर मृतक लखीमपुर खीरी के हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आप आईपीएस ऑफिसर का नाम सुझाएं जो यूपी कैडर के हों लेकिन यूपी बेस्ड नहीं हों।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तीन अक्टूबर को किसान आंदोलन में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे।