कुलभूषण जाधव मामलाः पाकिस्तान ने कॉन्सुलर एक्सेस देने से किया मना, तो भारत ने कहा- हम करते रहेंगे पूरी कोशिश
By रामदीप मिश्रा | Published: September 12, 2019 04:26 PM2019-09-12T16:26:30+5:302019-09-12T16:26:30+5:30
भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और ‘जासूसी तथा आतंकवाद के जुर्म में’ पड़ोसी देश ने 2017 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
पाकिस्तान ने गुरुवार (12 सितंबर) को कुलभूषण जाधव को दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस देने से मना कर दिया। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने जवाब दिया है और कहा है कि हम पूरी कोशिश करते रहेंगे। बता दें, पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को अशांत बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था। उन पर ईरान से पाकिस्तान आने के आरोप लगे थे। हालांकि, भारत का मानना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद कारोबार के सिलसिले में गए थे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, रवीश कुमार ने कहा कि हम कोशिश करते रहेंगे कि ICJ का फैसला पूरी तरह से लागू हो। हम राजनयिक के माध्यम से पाकिस्तानी पक्ष के संपर्क में बने रहना चाहेंगे।
इसके अलावा उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर लेकर कहा है कि पाकिस्तान भी शुरुआती संख्या के लिए सहमत नहीं था, जिसे हमने प्रस्तावित किया था, यह वह संख्या है जिसे बुनियादी ढांचे की कमी का हवाला देते हुए यात्रा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हमने पाकिस्तान से कुछ लचीलापन दिखाने का आग्रह किया है।
इससे पहले पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने कहा था कि कुलभूषण जाधव को दूसरा कॉन्सुलर एक्सेस नहीं दिया जाएगा। बता दें कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के फैसले के तहत दो सितंबर को कुलभूषण जाधव को पहली बार राजनयिक पहुंच प्रदान की थी, जिसके बाद उनसे इस्लामाबाद में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया ने मुलाकात की थी।
बता दें कि भारतीय नागरिक जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं और ‘जासूसी तथा आतंकवाद के जुर्म में’ पड़ोसी देश ने 2017 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। उसके बाद भारत ने आईसीजे पहुंचकर उनकी मौत की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक अगस्त को भी कहा था कि भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी को अगले दिन राजनयिक पहुंच दी जायेगी।
हालांकि, जाधव को राजनयिक पहुंच की शर्तों को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मतभेदों के बीच दो अगस्त की अपराह्र तीन बजे प्रस्तावित यह बैठक नहीं हो सकी थी। आईसीजे ने 17 जुलाई को पाकिस्तान को जाधव को सुनाई गयी फांसी की सजा पर प्रभावी तरीके से पुन:विचार करने और राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया था।