कुलभूषण जाधव मामले में जानें कब क्या-क्या हुआ, इंटरनेशनल कोर्ट आज सुनाएगा फैसला
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 17, 2019 12:12 PM2019-07-17T12:12:16+5:302019-07-17T12:23:40+5:30
पाकिस्तान दावा करता है कि कुलभूषण जाधव एक भारतीय जासूस हैं और उनकी गिरफ्तारी बलूचिस्तान से की गई है. लेकिन भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को हमेशा खारिज किया, पाकिस्तान पर विएना कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप भी है.
भारतीय नौसेना के अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में आज इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस अपना फैसला सुनाएगा. बीते 3 वर्षों से यह मामला भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक लड़ाई की सबसे बड़ी वजह बन गया है. पाकिस्तान दावा करता है कि कुलभूषण जाधव एक भारतीय जासूस हैं और उनकी गिरफ्तारी बलूचिस्तान से की गई है. लेकिन भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को हमेशा खारिज किया, पाकिस्तान पर विएना कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप भी है.
3 मार्च 2016: कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया गया.
24 मार्च 2016: पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने यह दावा किया कि कुलभूषण भारतीय जासूस है और उन्हें दक्षिणी बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया है.
25 मार्च 2016: जाधव के गिरफ्तारी की पहली रिपोर्ट सामने आई। पाकिस्तान ने कथित जासूस की गिरफ्तारी के मामले में भारतीय राजदूत को तलब किया. भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
26 मार्च 2016: भारत ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ईरान में कार्गो कारोबार का मालिकाना हक रखने वाले भारतीय नौसेना के सेवानिवृत अधिकारी जाधव को बलूचिस्तान में गिरफ्तार किया गया था.
29 मार्च 2017: भारत ने जाधव से मुलाकात के लिए पहला काउंसल एक्सेस की मांग की. अगले एक साल में भारत ने 16 ऐसे अनुरोध किए, जिन्हें पाकिस्तान ने अस्वीकार कर दिया.
15 अप्रैल 2017: पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों पर अरब और आसियान देशों के राजदूतों को कथित भारतीय जासूस के गिरफ्तारी की जानकारी दी गई. इसने पहले पाक ने पी 5 (यूएस, यूके, रूस, चीन और फ्रांस) के राजदूतों को इस मामले की जानकारी दी थी.
8 मई 2017: भारत ने पाकिस्तान द्वारा काउंसलर एक्सेस नहीं देने पर इस मामले को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में उठाया. भारत ने विएना कन्वेंशन के उल्लंघन का आरोप पाकिस्तान पर लगाया.
9 मई 2017: इंटरनेशनल कोर्ट ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यथाशीघ्र इस मामले में कम्यूनिकेट करने का आदेश दिया.
15 मई 2017: इंटरनेशनल कोर्ट ने भारत की याचिका पर सुनवाई की जिसमें काउंसलर एक्सेस की बात कही गई.
13 सितम्बर 2017: भारत ने अपनी पहली लिखित याचिका दायर की.
13 दिसंबर 2017: पाकिस्तान ने अपनी पहली लिखित याचिका दायर की.
17 जनवरी 2018: कोर्ट ने भारत की उस याचिका को स्वीकार किया जिसमें दूसरा जवाब दायर करने के लिए तीन माह का समय मांगा था.
17 अप्रैल 2018: भारत ने दूसरा जवाब दाखिल किया.
17 जुलाई 2018: पाकिस्तान ने भी दूसरा जवाब दायर किया.
18-21 फरवरी 2019: मामले की सुनवाई हुई.
17 जुलाई 2019: फैसले की तारीख.