यूपी के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य ने कहा-'SP-BSP के गठबंधन का नहीं होगा असर, देश मोदी जी के साथ'
By स्वाति सिंह | Published: January 6, 2019 11:51 AM2019-01-06T11:51:47+5:302019-01-06T11:51:47+5:30
आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर सपा-बसपा के मिल कर चुनाव लड़ने पर दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच ‘सैद्धांतिक सहमति’ बन गयी है।
लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर उत्तर प्रदेश में शनिवार को सपा-बीएसपी में 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बन गयी है।मायावती-अखिलेश के गठबंधन को लेकर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को बयान दिया है। उन्होंने कहा 'सपा-बीएसपी गठबंधन करे या न करे, इससे हमें कुछ नहीं कहना है और ना ही हमें इससे किसी भी तरह से कोई फर्क पड़ेगा, देश मोदी जी के साथ है और दोबारा उन्हें ही पीएम बनते देखना चाहता है।
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर सपा-बसपा के मिल कर चुनाव लड़ने पर दोनों दलों के शीर्ष नेतृत्व के बीच ‘सैद्धांतिक सहमति’ बन गयी है। अब सीटों के बंटवारे को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती के बीच अगले दौर की बैठक दस जनवरी के बाद हो सकती है।
KP Maurya,UP Deputy Chief Minister: Whether SP-BSP ally or not, we have nothing to say on it nor will we be affected. Country is firmly with Modi ji and people want to see him as the PM again pic.twitter.com/qSU9QytKxq
— ANI UP (@ANINewsUP) January 6, 2019
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने शनिवार को बताया कि गठबंधन को लेकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इस कड़ी में शुक्रवार को भी दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई थी। उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर ‘सैद्धांतिक सहमति‘ बन चुकी है और उम्मीद है कि इस गठजोड़ की औपचारिक घोषणा जल्द होगी। सम्भावना है कि इसी महीने इसका एलान हो जाएगा।
अखिलेश मायावती मुलाकात को लेकर हालांकि बसपा की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है। इस बीच सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने अखिलेश और मायावती की मुलाकात से अनभिज्ञता जताते हुये कहा कि अखिलेश और मायावती ही गठबंधन की रूपरेखा तय कर इसकी अंतिम घोषणा ही करेंगे। यादव ने हालांकि प्रस्तावित सपा बसपा गठजोड़ में कांग्रेस को दरकिनार किये जाने को ‘काल्पनिक बात’ बताते हुये खारिज कर दिया।
कांग्रेस को गठबंधन में शामिल किये जाने की सम्भावना पर चैधरी ने कहा कि इसका निर्णय तो अखिलेश और मायावती ही लेंगे। बहरहाल, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिये क्रमशः अमेठी और रायबरेली सीटें छोड़ी जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली स्थित मायावती के आवास पर शुक्रवार को अखिलेश से साथ लगभग ढाई घंटे तक चली बैठक में दोनों दलों द्वारा 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमति बन गयी है। छह सीट कांग्रेस, रालोद और अन्य के लिये छोड़ी गयी हैं।
इस बीच कांग्रेस ने सपा-बसपा के बीच 37 -37 सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति बनने के बाद उत्तर प्रदेश में अकेले ही चुनाव लड़ने के संकेत दिये हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी एल पुनिया ने सपा बसपा गठजोड़ के बारे में कहा कि दोनों दल अपने फैसले करने के लिये स्वतंत्र है, कोई किसी के साथ जबरन समझौता नहीं कर सकता है। जहां तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का सवाल है तो पार्टी पहले से ही बहुत अच्छे से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। हम अकेले चुनाव लड़ने के लिये तैयार है।’’
वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने सपा बसपा गठबंधन के बारे में कहा कि इस बारे में अभी जो भी खबरें आ रहीं हैं वे सूत्रों पर आधारित हैं। जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो हमारा स्पष्ट तौर पर मानना है कि पार्टी नेतृत्व इस बारे में जनता की इच्छा के मुताबिक फैसला करेगा।’’
सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शनिवार को अखिलेश ने लखनऊ रवाना होने से पहले पार्टी सांसद धर्मेंद्र यादव से मुलाकात कर सीटों के बटवारे पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अखिलेश और मायावती की अगली बैठक दस जनवरी के बाद प्रस्तावित है। यह बैठक लखनऊ या दिल्ली में हो सकती है।
उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच मजबूत जनाधार वाले इलाके की सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने पर भी सहमति बन गयी है। इस आधार पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अधिकांश सीटों पर बसपा और पूर्वांचल में अधिकतर सीटों पर सपा के उम्मीदवार उतारने पर दोनों दल सहमत हैं। वहीं बुंदेलखंड की चार में से दो दो सीटों पर दोनों दल चुनाव लड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि 16वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश से भाजपा के 68, सपा के सात, कांग्रेस और अपना दल के दो दो तथा रालोद का एक सांसद है। पिछले चुनाव में बसपा 19।77 फीसद वोट हासिल करने के बावजूद एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।
गठबंधन के स्वरूप के बारे में चौधरी ने कहा कि कुछ छोटे दलों को भी गठबंधन में शामिल करने के लिये बात हो रही है। सपा प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि गठबंधन में शामिल करने के लिये पश्चिमी उत्तर प्रदेश में असर रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) से भी बातचीत हो रही है।
मालूम हो कि सपा और बसपा के बीच गठबंधन के बीज पिछले साल गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान ही पड़ गये थे। इन दोनों सीटों पर बसपा ने सपा प्रत्याशियों को समर्थन दिया था और दोनों ही जगह उन्हें कामयाबी मिली थी। उसके बाद कैराना लोकसभा उपचुनाव में रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने सपा के प्रत्यक्ष और बसपा के परोक्ष सहयोग से जीत हासिल की थी।
भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सपा बसपा गठबंधन पर सैद्धांतिक सहमति बनने के बारे कहा कि पिछले चुनाव में सपा और कांग्रेस के शीर्ष परिवार के अलावा दोनों दलों को कोई सीट नहीं मिली थी। ऐसे में तीन शून्य का योग भी शून्य ही होता है।
(भाषा इनपुट के साथ)