कोविड-19 संक्रमित नौ और लोगों की मौत : लखनऊ जिला कचहरी बंद, मॉल समेत छह प्रतिष्ठान बंद कराए गए।।

By भाषा | Updated: April 1, 2021 23:51 IST2021-04-01T23:51:39+5:302021-04-01T23:51:39+5:30

Kovid-19 killed nine more people: Lucknow district court closed, six establishments including mall closed. | कोविड-19 संक्रमित नौ और लोगों की मौत : लखनऊ जिला कचहरी बंद, मॉल समेत छह प्रतिष्ठान बंद कराए गए।।

कोविड-19 संक्रमित नौ और लोगों की मौत : लखनऊ जिला कचहरी बंद, मॉल समेत छह प्रतिष्ठान बंद कराए गए।।

लखनऊ, एक अप्रैल उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 संक्रमित नौ और लोगों की मौत हो गई तथा 2600 मरीजों में इस संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी ।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद में बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में कोविड-19 संक्रमित कुल नौ और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में इस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8820 हो गई है।

उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा दो-दो मौतें प्रयागराज और लखनऊ में हुई हैं। इसके अलावा कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, बाराबंकी और गाजीपुर में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।

प्रसाद ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 2600 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है सबसे ज्यादा 935 नए मामले राजधानी लखनऊ में मिले हैं इसके अलावा प्रयागराज में 242, वाराणसी में 198 और कानपुर नगर में 103 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।

इस बीच, राजधानी लखनऊ में कुछ न्यायाधीशों के कोविड-19 संक्रमित होने के बाद जिला अदालत परिसर को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। संपूर्ण अदालत परिसर को दो तथा तीन अप्रैल को सैनिटाइज करने के निर्देश दिए गए हैं।

लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी पत्र के मुताबिक जिला जज डीके शर्मा तृतीय, अपर जिला जज प्रदीप सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुशील कुमारी और अपर सिविल जज प्रियंका गांधी की बुधवार को आई जांच रिपोर्ट में उनमें कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। कचहरी के 13 कर्मचारी भी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं।

उधर, कौशांबी जिले में भी दो न्यायाधीशों और एक पेशकार के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जिला न्यायालय को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर पी. एन. चतुर्वेदी ने बृहस्पतिवार को बताया कि बुधवार को न्यायालय परिसर में व्यापक स्तर पर कोविड-19 की जांच कराई गई थी जिसमें अपर सिविल जज जूनियर डिविजन वर्ग के दो न्यायाधीश और एक पेशकार में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है।

राजधानी लखनऊ के एक प्रमुख शॉपिंग मॉल को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर बृहस्पतिवार को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया।

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि गोमतीनगर स्थित 'फन रिपब्लिक' मॉल को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने में विफल रहने पर अगले आदेशों तक बंद कर दिया गया है।

जिलाधिकारी ने बताया कि इसके अलावा छह अन्य प्रतिष्ठानों को भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर अगले आदेशों तक बंद कर दिया गया है।

इस बीच, प्रदेश सरकार ने राज्य में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर सभी उच्‍च शिक्षण संस्थानों को भौतिक रूप से खुले रखने अथवा बंद करने का फैसला जिलाधिकारियों पर छोड़ दिया है।

उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग की ओर से आज प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक को इस संबंध में पत्र भेजा गया है।

पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अप्रैल में प्रदेश स्थित विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के संचालन विषयक निर्णय संबंधित कुलपति की संस्तुति पर जिलाधिकारी द्वारा स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिए जाएंगे। अगर स्थलीय परिस्थितियों को देखते हुए कुलपति एवं जिलाधिकारी द्वारा किसी शिक्षण संस्थान को किसी अवधि के लिए भौतिक रूप से बंद करने का निर्णय लिया जाता है तो इसे शर्तों के अधीन माना जाएगा।

पत्र में कहा गया है कि भौतिक रूप से शिक्षा संस्थान को बंद करने की स्थिति में निर्धारित अवधि में कक्षाएं और शिक्षण कार्य परिसर में न होकर ऑनलाइन संचालित किए जाएं। इसके अलावा जिन संस्थानों में परीक्षाएं या प्रयोगात्मक परीक्षाएं चल रही हैं वहां पर निर्धारित परीक्षाएं यथावत संचालित की जाएंगी। साथ ही कोविड-19 मानक संचालन प्रक्रिया, मास्‍क का अनिवार्य प्रयोग, शारीरिक दूरी बनाए रखना, परीक्षा परिसर को सैनिटाइजेशन एवं अन्य दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

पत्र के अनुसार प्रत्येक पाली से पूर्व सैनिटाइजेशन, मास्‍क की अनिवार्यता, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और हाथों के सैनिटाइजेशन के साथ-साथ संस्थान में अगर एक से अधिक प्रवेश द्वार हैं तो उनका उपयोग सुनिश्चित किया जाए। परिसर के अंदर और बाहर आने-जाने वालों के लिए प्रबंध सुनिश्चित किया जाए, जिसमें छह फीट की दूरी पर विशिष्ट चिन्‍ह बनाया जाए बायोमेट्रिक उपस्थिति के बजाए संपर्क रहित उपस्थिति के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक आयु वालों को कोविड टीकाकरण 5000 केन्द्रों पर किया जा रहा है। सभी से अपील है कि जो लोग 45 वर्ष से अधिक उम्र के हैं वो कोविड सेंटर पर जाकर टीकाकरण अवश्य करायें, जो लोग टीकाकरण कराना चाहते हैं वह अपना कोविन पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि जो लोग आनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाते है, वो स्वयं अपना आधार कार्ड या कोई पहचान पत्र लेकर वैक्सीनेशन सेन्टर पर जायें। वहां पंजीकरण करके टीकाकरण कर दिया जायेगा। अगर निजी चिकित्सालयों में वैक्सीनेशन कराते हैं तो एक डोज के 250 रूपये चुकाने होंगे।

प्रसाद ने बताया कि 11 लाख से अधिक लोग दोनो डोज लगवा चुके है, जो लोग दोनों डोज ले चुके हैं उनमें नहीं के बराबर संक्रमण पाया गया है। संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है इसलिए टीकाकरण के बाद भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करें।

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