कोविड-19: भोपाल के भदभदा विश्राम घाट पर मृतकों के परिजनों के रात को ठहरने का इंतजाम
By भाषा | Published: May 8, 2021 04:37 PM2021-05-08T16:37:20+5:302021-05-08T16:37:20+5:30
भोपाल, आठ मई कोरोना वायरस संक्रमण से मरे अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने यहां भदभदा विश्राम घाट पर आये लोगों के लिए रात में ठहरने, खाने-पीने एवं सोने का इंतजाम किया गया है, ताकि जरुरत होने पर वे इन सुविधाओं का लाभ ले सकें।
भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति के सचिव मम्तेश शर्मा ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ केा बताया कि शहर के अस्पतालों में महामारी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है, जिस कारण विश्राम घाट में शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं, परिजनों को दाह-संस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में दूसरे जिलों से आये लोगों को अपने परिजन की अस्थियां ले जाने के लिए रात में भोपाल में रूकना पड़ रहा है, लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण उन्हें भोजन-रहने कीर समस्या आ रही है।
शर्मा ने बताया, ‘‘लोगों की इन परेशानियों को देखते हुए स्थानीय लोगों की मदद से विश्राम घाट पर रहने और भोजन की व्यवस्था की गयी है। कोविड से मरने वाले प्रियजनों का दाह संस्कार करने वाले लोग आवश्यकता अनुसार इन सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।’’
उन्होंने बताया कि विश्राम घाट में आजकल रोजाना करीब छह से सात लोग अपने परिजन की अस्थियां ले जाने के लिए रात को ठहरते हैं।
शर्मा ने बताया, ‘‘विश्राम घाट को एक डबल डोर रेफ्रिजरेटर भी किसी ने दान दिया है। दूसरे जिलों से आये ठहरे इन जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए हमें भोजन सामग्री एवं पानी की बोतलें निरंतर दान में मिल रही हैं।’’
उन्होंने बताया कि रात को रुकने वालों के लिए कुछ बिस्तरों का भी इंतजाम किया गया है।
शर्मा ने बताया कि शुक्रवार को विश्राम घाट में 60 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें से 54 कोविड-19 से मरे थे, जिनमें 38 भोपाल जिले के थे, जबकि 16 अन्य जिलों के थे।
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