तिरुवनंतपुरम: भारत को इसी हफ्ते अपना पहला 'वाटर मेट्रो' मिल जाएगा। इस सेवा की शुरुआत केरल में होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'कोच्चि वाटर मेट्रो' सेवा को लॉन्च करेंगे। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भी ‘कोच्चि वाटर मेट्रो’ को राज्य की ‘महत्वाकांक्षी परियोजना’ करार दिया, जो बंदरगाह शहर कोच्चि के विकास और वृद्धि को गति देगी।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अप्रैल को एक कार्यक्रम में कोच्चि वाटर मेट्रो (केडब्ल्यूएम) सेवा की शुरुआत करेंगे।
विजयन ने शनिवार को फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा कि कोच्चि में 1,136.83 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित प्रमुख परियोजना की शुरुआत के साथ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार द्वारा राज्य के लोगों को दिया गया एक और आश्वासन पूरा होने जा रहा है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि राज्य के परिवहन और पर्यटन क्षेत्रों के लिए रोमांचक समय आने वाला है।
कोच्चि मेट्रो सेवा क्या है?
मुख्यमंत्री विजयन ने एक ट्वीट में कहा, ‘विश्व स्तरीय कोच्चि वाटर मेट्रो परियोजना शुरू होने वाली है। यह कोच्चि और उसके आसपास के 10 द्वीपों को जोड़ने वाली केरल की महत्वाकांक्षी परियोजना है। कुल 78 इलेक्ट्रिक नौकाएं और 38 टर्मिनल के साथ केडब्ल्यूएम की लागत 1,136.83 करोड़ है, जो केरल सरकार और केएफडब्ल्यू द्वारा वित्त पोषित है।’
केएफडब्ल्यू जर्मन वित्तपोषित एजेंसी है। मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में कहा कि परियोजना के पहले चरण के तहत उच्च न्यायालय-वाइपिन टर्मिनल से व्याटिला-कक्कनाड टर्मिनल तक सेवा जल्द ही शुरू होगी। उन्होंने कहा कि वातानुकूलित नौकाओं में किफायती और सुरक्षित यात्रा लोगों को यातायात जाम में फंसे बिना अपने गंतव्य तक पहुंचने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्री ‘कोच्चि 1’ कार्ड का इस्तेमाल करके कोच्चि मेट्रो और वाटर मेट्रो दोनों में यात्रा कर सकते हैं। विजयन ने कहा कि लोग डिजिटल रूप से भी टिकट बुक कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कोच्चि और पूरे केरल राज्य का विस्तार और विकास जल परिवहन से काफी प्रभावित हुआ है। करीब 90% केरलवासी मुख्य भूमि पर आने-जाने के लिए छोटी नावों का इस्तेमाल करते रहे हैं। हालाँकि, हाल के वर्षों में नई सड़कों और पुलों के निर्माण के बाद राज्य में धीरे-धीरे सड़क-आधारित परिवहन तेजी से बढ़ने लगा। सिटीज डेवलपमेंट इनिशिएटिव फॉर एशिया की एक रिपोर्ट के अनुसार अब 3% से भी कम स्थानीय लोग जलमार्ग से आवागमन करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोच्चि में इस बदलाव ने यातायात की भीड़ और वायु प्रदूषण में वृद्धि की है, जो अनियोजित शहरी विकास, बड़े सड़क नेटवर्क और शहर में तेजी से बढ़ रहे निजी वाहन से और बदतर हो गई है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जलमार्ग पर सार्वजनिक परिवहन की वृद्धि से स्थिति कुछ सुधरेगी।