सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को लगाई फटकार, कहा- आपने शहर का गला घोंट दिया, जंतर मंतर पर सत्याग्रह की मांग कर रहे किसान

By दीप्ती कुमारी | Published: October 2, 2021 09:30 AM2021-10-02T09:30:52+5:302021-10-02T09:34:13+5:30

किसान महापंचायत ने सुप्रीम कोर्ट में जंतर मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति मांगी थी । इसपर कोर्ट ने किसान महापंचायत को जमकर लताड़ा और कहा कि आपने शहर का गला घोंट दिया है ।

kisan mahapanchayat seeks sc nod for satyagraha at jantar mantar top court to hear petition today | सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को लगाई फटकार, कहा- आपने शहर का गला घोंट दिया, जंतर मंतर पर सत्याग्रह की मांग कर रहे किसान

फोटो - सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को लगाई फटकार

Highlightsएससी ने किसान महापंचात को कहा - आप नागरिकों के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते कोर्ट ने कहा - आपने शहर का गला घोंट दिया है औऱ अब विरोध करना है किसानों की ओर से जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए याचिका दायर की गई थी

दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जंतर मंतर पर 'सत्याग्रह' करने की अनुमति मांगने के लिए किसान महापंचायत को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि "आपके पास अधिकार हो सकता है, लेकिन नागरिकों को भी अधिकार है"। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने पूछा, 'आपने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा क्यों खटखटाया ? आप इस अनुमति के लिए एचसी से संपर्क कर सकते हैं ।"

उच्च न्यायालय ने आगे कहा कि किसानों ने पूरे शहर का गला घोंट दिया है और अब शहर में प्रवेश करना और विरोध करना चाहते हैं । उन्होंने कहा, "आप हर चीज में बाधा डाल रहे हैं और यहां तक ​​कि सुरक्षाकर्मियों को भी परेशान कर रहे हैं ।"

अपनी याचिका के माध्यम से, किसान अधिकारियों को निर्देश जारी करने की मांग कर रहे थे कि उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की अनुमति के अनुसार जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जानी चाहिए ।

दरअसल एक दिन पहले ही शीर्ष अदालत ने सवाल किया कि राजमार्गों को "सदा के लिए" कैसे अवरुद्ध किया जा सकता है और कहा कि यह कार्यकारी का कर्तव्य है कि वह अदालत द्वारा निर्धारित कानून को लागू करे और सार्वजनिक स्थलों को अवरुद्ध न होने दें । 

ये टिप्पणियां दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा सड़क अवरोधों के संदर्भ  में कोर्ट ने कही और यहां शाहीन बाग में सीएए के विरोध से संबंधित 7 अक्टूबर, 2020 के फैसले के एक स्पष्ट संदर्भ में आई थीं, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर अनिश्चित काल के लिए कब्जा नहीं किया जा सकता है और असंतोष व्यक्त करने वाले प्रदर्शन अकेले निर्दिष्ट स्थानों पर होने चाहिए ।

पिछले हफ्ते, किसान संघों ने भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत के साथ तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 'भारत बंद' का आह्वान किया था और कहा था कि उन्हें यकीन है कि यह केंद्र को किसानों की आवाज सुनने के लिए मजबूर करेगा । उन्होंने आईएएनएस से कहा, "हमें उम्मीद है कि इस बार सरकार हमारी मांगों को मानेगी ।"

तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल, पंजाब, झारखंड और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों ने भारत बंद के विरोध में अपना समर्थन दिया था और कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आंदोलनकारी किसानों से बात करने और उनकी "वैध शिकायतों" को सुनने का आग्रह किया था ।

कांग्रेस पार्टी ने आगे आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उनकी शिकायतों का निवारण करने के बजाय उन्हें देश के दुश्मन के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रही है ।

विरोध का समर्थन करते हुए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि किसानों का अहिंसक 'सत्याग्रह' अभी भी दृढ़ है, लेकिन 'शोषण' सरकार को यह पसंद नहीं है ।
 

Web Title: kisan mahapanchayat seeks sc nod for satyagraha at jantar mantar top court to hear petition today

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