तवांग को भारतीय संघ में शामिल कराने में अहम भूमिका निभाने वाले देश के असली नायक खातिंग को सम्मानित किया जाएगा
By भाषा | Updated: February 13, 2021 17:58 IST2021-02-13T17:58:18+5:302021-02-13T17:58:18+5:30

तवांग को भारतीय संघ में शामिल कराने में अहम भूमिका निभाने वाले देश के असली नायक खातिंग को सम्मानित किया जाएगा
तवांग, 13 फरवरी भारतीय संघ में अरुणाचल प्रदेश के तवांग को शामिल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मेजर रालेंग्नाओ बॉब खातिंग को रविवार को यहां पहली बार सम्मानित किया जाएगा। सम्मान समारोह के दौरान प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत, दो मुख्यमंत्री, एक केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल उपस्थिति रहेंगे।
पूर्ववर्ती नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी (एनईएफए) और वर्तमान अरुणाचल प्रदेश के सहायक राजनीतिक अधिकारी के रूप में खातिंग ने 1950 के दशक की शुरुआत में असम के तत्कालीन राज्यपाल जयराम दास दौलतराम की प्रत्यक्ष निगरानी में तवांग को भारतीय संघ के अंतर्गत लाने के लिए एक साहसिक अभियान का संचालन किया था।
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा, केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू, अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बी डी मिश्रा और जनरल रावत आज दोपहर बाद कलावांगपो में मेजर रालेंग्नाओ बॉब खातिंग मेमोरियल के शिलान्यास समारोह में भाग लेने पहुंचे।
रिजिजू ने पीटीआई भाषा को बताया, "खातिंग भारत के सबसे बड़े नायकों में से एक हैं, जिनके महत्त्वपूर्ण योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। खातिंग को उचित सम्मान दिया जाएगा, जो अब तक उन्हें नहीं मिला।"
खातिंग के बेटे व सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी जॉन और परिवार के अन्य सदस्य भी समारोह में उपस्थित होंगे।
17 जनवरी, 1951 को खातिंग को राज्यपाल दौलतराम ने असम राइफल्स के 200 सैनिकों और 600 पोर्टरों के साथ तवांग की ओर कूच करने का आदेश दिया था।
द्वितीय विश्व युद्ध से पहले, तवांग तत्कालीन स्वतंत्र तिब्बती सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में था। कई प्रयासों के बावजूद, ब्रिटिश इसे हासिल नहीं कर सके थे।
जब खातिंग और उनके साथ गए जवान तवांग पहुंचे, तो उन्होंने तवांग मोनास्ट्री के पास एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई जिसमें उन्होंने स्थानीय कर अधिकारियों, गांव के बुजुर्गों और तवांग के प्रमुख लोगों से मुलाकात की।
उन्होंने स्थानीय लोगों का दिल जीतने के लिए कूटनीतिक कौशल का इस्तेमाल किया। उन्हें जल्द ही पता चल गया कि स्थानीय मोनपा समुदाय तिब्बती प्रशासन द्वारा लगाए गए भारी करों से काफी परेशान है।
उन्होंने स्थानीय लोगों को भारत, यहां के लोकतंत्र के बारे में बताया और उन्हें आश्वासन दिया कि भारत उन पर कभी भी अनुचित कर नहीं लगाएगा।
जल्द ही, असम राइफल्स के जवानों के साथ खातिंग ने तवांग को अपने नियंत्रण में ले लिया, तवांग और बुमला में तिरंगा फहराया गया और यह क्षेत्र भारत का हिस्सा बन गया।
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