खरगोन हिंसा: विवादास्पद ट्वीट पर एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर 8 मामले दर्ज, जानें पूरा मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 14, 2022 09:49 PM2022-04-14T21:49:27+5:302022-04-14T21:50:29+5:30

Khargone Violence: विवादास्पद ट्वीट को लेकर सिंह के खिलाफ पिछले तीन दिन में भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम और सतना में पांच प्राथमिकियां पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं।

Khargone Violence former MP CM Digvijay Singh 8 cases filed controversial tweet madhya pradesh | खरगोन हिंसा: विवादास्पद ट्वीट पर एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह पर 8 मामले दर्ज, जानें पूरा मामला

पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

Highlightsइंदौर जिले के महू, किशनगंज और खुड़ैल के पुलिस थानों में केस दर्ज हुआ।तीन नागरिकों की अलग-अलग शिकायतों पर दर्ज किए गए।राज्यसभा सांसद के खिलाफ उस वक्त दर्ज किए गए, जब वह इंदौर जिले के दौरे पर थे।

इंदौरः मध्य प्रदेश के खरगोन कस्बे में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर टिप्पणी करते हुए दूसरे राज्य की एक मस्जिद की तस्वीर ट्वीट करने को लेकर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खिलाफ इंदौर जिले में धार्मिक वैमनस्य फैलाने के आरोप में तीन आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। गौरतलब है कि विवादास्पद ट्वीट को लेकर सिंह के खिलाफ पिछले तीन दिन में भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, नर्मदापुरम और सतना में पांच प्राथमिकियां पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इंदौर जिले के महू, किशनगंज और खुड़ैल के पुलिस थानों में सिंह के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाना), 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य), 465 (जालसाजी) और अन्य प्रावधानों के तहत बुधवार शाम प्राथमिकियां दर्ज की गईं।

उन्होंने बताया कि ये मामले संबंधित क्षेत्रों के तीन नागरिकों की अलग-अलग शिकायतों पर दर्ज किए गए, जिन्होंने आरोप लगाया है कि सिंह ने किसी अन्य स्थान की तस्वीर को खरगोन के हालिया दंगों से जोड़कर सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब किया। खास बात यह है कि एक जैसे आरोपों वाले तीनों मामले राज्यसभा सांसद के खिलाफ उस वक्त दर्ज किए गए, जब वह इंदौर जिले के दौरे पर थे।

विवादास्पद ट्वीट को लेकर राज्य में लगातार मामले दर्ज किए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा,‘‘भले ही पुलिस थानों में मेरे खिलाफ लाख-दो लाख मामले दर्ज करा दिए जाएं, लेकिन मैं आखिरी सांस तक भाईचारे की बात करता रहूंगा।’’

उन्होंने प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,‘‘अगर भाजपा को भाईचारे की बात पसंद नहीं है तो इसमें मेरा नहीं, बल्कि भाजपा का दोष है।’’ गौरतलब है कि हालिया ट्वीट में सिंह ने एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें कुछ युवकों को एक मस्जिद पर भगवा झंडा फहराते हुए दिखाया गया था। उन्होंने इस तस्वीर के साथ खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा का जिक्र किया था। बाद में उन्होंने ट्वीट से इस फोटो को डिलीट कर दिया था।

रायसेन के प्राचीन शिव मंदिर का ताला खोलने की मांग पर उमा भारती को मिला दिग्विजय का समर्थन

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती की इस बहुचर्चित मांग का बृहस्पतिवार को समर्थन किया कि श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं के मद्देनजर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) संरक्षित रायसेन किले के प्राचीन सोमेश्वर धाम स्थित महादेव मंदिर का ताला खोला जाना चाहिए।

सिंह ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं भारती की इस मांग से सहमत हूं कि रायसेन किले के प्राचीन शिव मंदिर का ताला खुलना चाहिए।’’ पचहत्तर वर्षीय कांग्रेस नेता ने भारती से एक कदम आगे जाते हुए यह मांग भी की कि राज्य की शिवराज सिंह चौहान-नीत भाजपा सरकार को इस प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार करना चाहिए।

गौरतलब है कि एएसआई की अनुमति के अभाव में सोमेश्वर धाम के महादेव मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं कर पाने के बाद भारती ने सोमवार को कहा था, ‘‘सोमेश्वर महादेव का अभिषेक नहीं कर पाने से मेरे हृदय में गहरा संताप हुआ है। इसलिए अपनी भावना पर नियंत्रण रखने एवं अपने चित्त की शांति के लिए मैंने सोमेश्वर महादेव पर जल चढ़ा लेने तक अन्न त्यागने का फैसला लिया है।’’

अधिकारियों ने बताया कि सोमेश्वर धाम के महादेव मंदिर का ताला साल में केवल एक बार महाशिवरात्रि के त्योहार पर खुलता है, जबकि बाकी दिनों में मंदिर-मस्जिद विवाद के चलते मंदिर का गर्भगृह बंद रहता है। मध्यप्रदेश में शराबबंदी को लेकर भारती की पुरानी मांग पर राज्यसभा सांसद सिंह ने कहा कि गुजरात और बिहार जैसे राज्यों में शराबबंदी ज्यादा सफल नहीं रही है, लेकिन वह इस बात के पक्ष में हैं कि जिन इलाकों में 50 प्रतिशत महिलाएं विरोध करें, वहां से शराब की दुकानें हटनी चाहिए।

बरसों पहले शराबबंदी कानून लागू करने वाले गुजरात के बारे में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इस सूबे में अवैध तौर पर शराब हासिल करना सबसे आसान है और लोगों को शराब का मनचाहा ब्रांड महज 10 मिनट के भीतर मनचाही जगह पर मिल जाता है। सिंह ने कहा, ‘‘ऐसी शराबबंदी से केवल कुछ पुलिस अफसरों और नेताओं को ही लाभ होता है। यही हाल बिहार में भी है।’’

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