"खड़गे जी, आज के दौर में वंशवाद की राजनीति खतरे में है, लोकतंत्र नहीं", भाजपा नेता सुधांधु त्रिवेदी ने कांग्रेस प्रमुख के 'लोकतंत्र खतरे में है' दिये बयान पर किया पलटवार
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 30, 2024 02:37 PM2024-01-30T14:37:11+5:302024-01-30T14:57:37+5:30
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि लोकतंत्र की आड़ में कांग्रेस की वंशवादी राजनीति पर अब ग्रहण लग रहा है और सच्चे लोकतंत्र का वास्तविक उदय होने वाला है।
नई दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा 'लोकतंत्र' के संबंध में की गई टिप्पणी पर कड़ा पलटवार करते हुए भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को कहा कि लोकतंत्र की आड़ में कांग्रेस की वंशवादी राजनीति पर अब ग्रहण लग रहा है और सच्चे लोकतंत्र का वास्तविक उदय होने वाला है।
भाजपा की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष पर यह आक्रामक हमला इसलिए किया गया है क्योंकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते सोमवार को दावा किया कि पीएम मोदी इस साल के आम चुनाव के बाद तानाशाही की घोषणा करेंगे।
कांग्रेस प्रमुखखड़गे ने ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा था, "अगर लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सत्ता में आए तो तानाशाही होगी, कोई लोकतंत्र नहीं होगा और कोई चुनाव नहीं होगा।"
उन्होंने आगे कहा कि 2024 का आम चुनाव देश के लोगों के लिए वोट देने का आखिरी मौका होगा। इससे पहले रविवार को भी मल्लिकार्जुन शड़गे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि भाजपा ने असम में 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया लेकिन कांग्रेस उनसे डरने वाली नहीं हैं।
भाजपा ने कांग्रेस प्रमुख के ऐसे तीखे बयानों को गंभीरता से लेते हुए अपनी ओर से दवाब पेश किया है। भाजपा की ओर से हमले का मोर्चा संभाल रहे राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "मल्लिकार्जुन खड़गे जी, यह सच है कि भारतीय राजनीति में कई चीजों पर चर्चा हो रही है। राजवंशों की शक्ति 1947 में समाप्त हो गई, अब लोकतंत्र की आड़ में लोकतांत्रिक राजवंशों की शक्ति को चुनौती दी जा रही है और वे सोच रहे हैं कि आगामी चुनावों के बाद उनका भविष्य क्या होगा।"
भाजपा नेता त्रिवेदी ने कहा, खड़गे जी, जो कुछ भी कह रहे हैं। उसका वास्तविक अर्थ यह है कि लोकतंत्र की आड़ में वंशवादी राजनीति, जिसे पिछले चुनाव में मतदाताओं ने खारिज कर दिया था। अब ग्रहण की ओर अग्रसर है और सच्चे लोकतंत्र का वास्तविक उदय होने वाला है। सभी युवा और भारत के सभी मतदाता एक साथ आ रहे हैं।"
उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल का जिक्र किया और कहा कि इसी कांग्रेस की प्रधानमंत्री ने देश में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को खत्म करने का काम किया था।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ''जो लोग लोकतंत्र की बात करते हैं, अगर हम इंदिरा गांधी की बात करें, वह समय था जब लोकतंत्र वास्तव में समाप्त हो गया था। भारत की तीन-चौथाई आबादी को यह नहीं पता कि आपातकाल के दौरान लोकसभा का कार्यकाल 5 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया था। मौलिक अधिकार खत्म कर दिए गए थे। उस समय अगर किसी को जेल में डाला जाता था तो वह जमानत के लिए भी आवेदन नहीं कर सकता था।''
बीजेपी सांसद ने आखिर में यह भी कहा कि उत्तर से दक्षिण तक देखें तो 2019 के लोकसभा चुनाव में देश की प्रबुद्ध जनता ने उन लोगों की आलोचना की जो अधिकारों के आधार पर लोकतंत्र के नाम पर राजशाही चला रहे थे।
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "चाहे वह कश्मीर में अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार हो, पंजाब में बादल परिवार हो, हरियाणा में हुड्डा परिवार हो या सबसे बड़े पार्टी के नेता राहुल गांधी खुद का चुनाव हार गए थे।"