समलैंगिक जोड़े की हैबियस कार्पस याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट ने उन्हें साथ रहने की आजादी दी

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 31, 2022 08:52 PM2022-05-31T20:52:45+5:302022-05-31T20:59:06+5:30

समलैंगिक आदिला नाज़रीन ने केरल हाईकोर्ट में हैबियस कार्पस की याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने बिनानीपुरम पुलिस को आदेश दिया था कि वो उनकी महिला मित्र फातिमा नूरा को अदालत के सामने पेश करें। कोर्ट में दोनों ने एकसाथ रहने पर रजामंदी व्यक्त की और कोर्ट ने इस मामले में नाडरिन और नूरा के पक्ष में फैसला दिया।  

Kerala High Court grants liberty to a homosexual couple to live together while hearing the Habeas Corpus petition | समलैंगिक जोड़े की हैबियस कार्पस याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट ने उन्हें साथ रहने की आजादी दी

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsकेरल हाईकोर्ट ने समलैंगिक जोड़े नूरा और नाजरीन की हैबियस कापर्स याचिका पर फैसला दिया जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस सी जयचंद्रन की बेंच ने फैसला दिया कि दोनों साथ रह सकती हैंकोर्ट ने कहा कि संविधान के मुताबिक दो बालिगों को एक साथ रहने की पूरी आजादी है

तिरुअनंतपुरम: केरल हाईकोर्ट ने समलैंगिक जोड़े फातिमा नूरा और आदिला नाजरीन की हैबियस कापर्स याचिका पर अंतिम फैसला देते हुए उन्हें कानूनी तौर पर एक साथ रहने की मंजूरी दे दी है। सामाजिक दबाव मे नूरा और नाजरीन के परिवार वाले उन्हें जबरन अलग कर दिया था और नूरा के परिजनों ने कथित तौर पर उसे धर्मांतरण के लिए मजबूर भी किया था।

जिसके बाद आदिला नाज़रीन ने केरल हाईकोर्ट में हैबियस कार्पस की याचिका दायर की थी। जिस पर कोर्ट ने बिनानीपुरम पुलिस को आदेश दिया था कि वो फातिमा नूरा को उनके सामने कोर्ट में पेश करें। 

इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस सी जयचंद्रन की बेंच ने नूरा और नाजरीन से सीधे पूछा कि क्या वे एक साथ रहना चाहते हैं। जिसके जवाब में नूरा और नाजरीन ने एक स्वर में 'हां' कहा।

जिसके बाद दोनों जजों ने आदेश दिया कि नूरा और नाजरीन कानूनी तौर पर बालिग हैं और उन्हें संविधान के मुताबिक एक साथ रहने की पूरी आजादी है। इसलिए यह कोर्ट दोनों को एक साथ रहने की मंजूरी देती है।

इस फैसले के बाद नाज़रीन और नूरा ने कहा कि कानूनी रूप से एकसाथ रहने की आजादी पाकर वो बेहद खुश हैं। नाजरीन ने कहा कि एक साथ रहने की इच्छा के कारण उन्हें सामाजिक बहिष्कार, पारिवारिक बर्बरता और मौत की धमकियों का सामना करना पड़ा था।

नाजरिन ने इस मामले में नूरा की मां को गुनहगार बताते हुए कहा कि उन्होंने नूरा का अपहरण कर लिया था, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

नाजरिन ने कहा,  "हम इस बात को शुरू से स्वीकर कर रहे हैं कि हम समलैंगिक जोड़े हैं और हमें भी यह बात सऊदी अरब में अपने स्कूली शिक्षा के दिनों में पता चली। उसके बाद इस बात की जनकारी जैसे ही मारे घरवालों को हुई, हमें अलग करने के लिए न जाने कितने जुल्म किये गये। हमने किसी तरह से अपनी पढ़ाई पूरी की।

हमने अपना घर बसाने के लिए मां-बाप का घर छोड़ दिया लेकिन हमारे माता-पिता ने विश्वास दिलाया कि वो हमारे रिश्ते को कबूल कर लेंगे लेकिन तभी वो हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे और नूरा की मां ने तो उसे किडनैप ही कर लिया।

उनके व्यवहार से मुझे पता तल गया था कि वो हमारे रिश्ते को लेकर बहुत क्रूर हैं। इसलिए मुझे खौफ था कि कहीं वो नूरा को जान से न मार दें। नूरा के परिवार वालों ने मुझे भी धमकियां दीं। 

नाजरिन ने अपने फेसबुक पोस्ट में अपने दर्द को साझा करते हुए एक फेसबुक पोस्ट लिखी, जिसके बाद पूरी दुनिया को पता चला कि नाजरिन और नूरा समलैंगिक हैं और उन्हें उनके घरवालों के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।

नाजरिन ने कहा, "मैं मुस्लिम हूं और अपने इस्लामिक विश्वासों पर मुझे पूरा भरोसा है। लेकिन मैं सम्मान के साथ कहती हूं कि मैं समलैंगिक संबंधों का समर्थन करती हूं। मैं खुद समलैंगिक हूं और हम चाहते हैं कि सरकार महारा साथ दे और हमारे रिश्ते को वैवाहिक रूप में रजिस्टर्डज किया जाए, मैं किसी भी विवाद में नहीं पड़ना चाहती हूं, मैं के्वल इतना चाहती हूं कि समाज मुझे छोड़ दे और हम कोर्ट के जरिये अपने विवाद को सुलझा लेंगे।"

Web Title: Kerala High Court grants liberty to a homosexual couple to live together while hearing the Habeas Corpus petition

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