केरल हाई कोर्ट ने PFI को हर्जाने के रूप में 5.2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का दिया निर्देश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 29, 2022 06:47 PM2022-09-29T18:47:13+5:302022-09-29T18:47:13+5:30

पीएफआई के खिलाफ हुई छापेमारी और उसके कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के विरोध में गत 23 सितंबर को आयोजित उसकी हड़ताल के दौरान बसों को हुए नुकसान और सेवाओं में कटौती को लेकर केएसआरटीसी ने मुआवजे की यह मांग की है। 

Kerala high court directs PFI to pay ₹5.2 crore as damages | केरल हाई कोर्ट ने PFI को हर्जाने के रूप में 5.2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का दिया निर्देश

केरल हाई कोर्ट ने PFI को हर्जाने के रूप में 5.2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का दिया निर्देश

Highlights23 सितंबर को आयोजित हड़ताल में बसों को हुए नुकसान और सेवाओं में कटौती को लेकर केएसआरटीसी ने की मुआवजे की मांगकोर्ट ने कहा- मुआवजे के तौर पर मांगी गई 5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को पीएफआई राज्य सरकार के समक्ष जमा करायेहिंसक हड़ताल के कारण केएसआरटीसी को कुल 5,06,21,382 रुपये का नुकसान हुआ

कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को निर्देश दिया जाएगा कि वह केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की ओर से मुआवजे के तौर पर मांगी गई 5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि को राज्य सरकार के समक्ष जमा कराये। पीएफआई के खिलाफ हुई छापेमारी और उसके कुछ सदस्यों की गिरफ्तारी के विरोध में गत 23 सितंबर को आयोजित उसकी हड़ताल के दौरान बसों को हुए नुकसान और सेवाओं में कटौती को लेकर केएसआरटीसी ने मुआवजे की यह मांग की है। 

केएसआरटीसी की ओर से पेश अधिवक्ता दीपू थंकन ने बताया कि अदालत ने कहा कि हड़ताल संबंधित हिंसा और संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर दर्ज सभी मामलों में संगठन के पूर्व महासचिव अब्दुल सत्तार को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया जाएगा। 

अधिवक्ता थंकन ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति ए के जयशंकरन नांबियार और न्यायमूर्ति मोहम्मद नियास सी पी की पीठ ने कहा कि यह निर्देश भी दिया जायेगा कि हड़ताल संबंधी हिंसा के किसी भी आरोपी को कथित तौर पर उनके द्वारा किये गये नुकसान की क्षतिपूर्ति किये जाने तक जमानत नहीं दी जाए।’’ 

जज ने सरकार को बंद का आह्वान करने वाले पीएफटी के राज्य सचिव ए अब्दुल सत्तार को बंद के दौरान हिंसा के संबंध में दर्ज सभी मामलों में आरोपी बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह के प्रदर्शन कर नागरिकों के जीवन को खतरे में नहीं डाला जा सकता है। अगर कोई ऐसे करता है तो उसके इसके परिणाम भुगतने होंगे। 

केएसआरटीसी ने अपनी यचिका में यह दलील दी है कि हड़ताल बिना कोई अग्रिम सूचना दिए की गई, जो कि उच्च न्यायालय के उन आदेशों का उल्लंघन है जिसके तहत अचानक की जाने वाली हड़ताल को अवैध करार देते हुए कहा गया था कि इसके लिए सात दिन पूर्व नोटिस देना होगा। 

परिवहन निगम की ओर से दावा किया गया कि हड़ताल के हिंसक होने से 58 बसों में खिड़कियों के शीशों और सीटों को नुकसान पहुंचाया गया तथा उसके 10 कर्मचारियों के अलावा एक यात्री भी घायल हुआ। केएसआरटीसी की ओर से दावा किया गया कि हिंसक हड़ताल के कारण उसे कुल 5,06,21,382 रुपये का नुकसान हुआ। 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Web Title: Kerala high court directs PFI to pay ₹5.2 crore as damages

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