केरल में 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से राज्यपाल ने मांगा इस्तीफा तो हाईकोर्ट ने कहा- सभी अपने पद पर बने रहेंगे, सीएम ने आरिफ मोहम्मद पर साधा निशाना
By अनिल शर्मा | Published: October 25, 2022 10:21 AM2022-10-25T10:21:58+5:302022-10-25T10:23:42+5:30
अदालत ने पाया कि कुलाधिपति (आरिफ मोहम्मद) ने कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन नवंबर तक यह बताने के लिए कहा था कि क्यों ना उन्हें पद से हटा दिया जाये। इस आधार पर अदालत ने कहा कि कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश देने का कोई महत्व नहीं है।
केरलः सोमवार को एक अंतरिम आदेश में केरल उच्च न्यायालय ने राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपति (V-Cs) को तब तक पद पर बने रहने की अनुमति दी जब तक कि कुलाधिपति के रूप में राज्यपाल इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं लेते। केरल उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालयों के कुलपति से कहा कि वह अपने-अपने पद पर रहकर काम जारी रखें और उन्हें केवल तय प्रक्रिया का पालन करके ही हटाया जा सकता है।
न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने 9 कुलपतियों की ओर से दायर आपात याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्यपाल की ओर से कुलपतियों को दिया गया निर्देश उचित नहीं था। गौरतलब है कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इन 9 कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफा देने की चेतावनी दी थी। अदालत ने विशेष सुनवाई के दौरान कहा, वे अपने पद पर बने रहने के पात्र हैं।
अदालत ने पाया कि कुलाधिपति (आरिफ मोहम्मद) ने कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन नवंबर तक यह बताने के लिए कहा था कि क्यों ना उन्हें पद से हटा दिया जाये। इस आधार पर अदालत ने कहा कि कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश देने का कोई महत्व नहीं है। अदालत ने कहा कि कुलपतियों के खिलाफ केवल तय प्रक्रिया का पालन करके कार्रवाई की जा सकती है। कुलपतियों ने अदालत से कहा कि 24 घंटों के अंदर इस्तीफा देने का राज्यपाल का निर्देश पूरी तरह अवैध था।
गौरतलब है कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को 11 बजे से पहले अपना त्याग पत्र भेजने से इनकार करने पर नोटिस भी जारी किया। राज्यपाल द्वारा कुलपति को इस्तीफे की चेतावनी को लेकर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उनपर शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम "असंवैधानिक और लोकतंत्र के सार के खिलाफ" था।
पलक्कड़ में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए विजयन ने कहा- “यदि राज्यपाल ने नौ वी-सी की नियुक्ति को अवैध पाया है, तो वह इसके लिए जिम्मेदार हैं। राज्यपाल V-Cs के लिए नियुक्ति प्राधिकारी है। यदि नियुक्तियां अवैध हैं तो वह जिम्मेदार हैं। राज्यपाल सोंचे कि उन्हें पद छोड़ना चाहिए या वी-सी को। विजयन ने कहा कि राज्यपाल संघ परिवार के इशारे पर काम कर रहे हैं। वह विनाशकारी मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्यपाल का कार्यालय सरकार पर दबाव बनाने के लिए नहीं है। “वह (खान) राज्यपाल के पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह असंवैधानिक है और लोकतंत्र के सार के खिलाफ है। वी-सी को उनका निर्देश विश्वविद्यालयों की अकादमिक स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार की शक्तियों का अतिक्रमण है।'' पिनाराई विजयन ने आगे कहा कि ''यह न सोचें कि आप उन शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं जो वास्तव में आपके पास नहीं हैं। यह छिपकली की मूर्खता के समान है जो सोचती है कि वह छत को पकड़े हुए है। राज्यपाल को राज्यपाल की शक्ति की सीमाओं को समझना चाहिए, जो औपनिवेशिक युग का अवशेष है।''