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केरल चुनाव : तीन महिलाएं अलग-अलग कारणों से लड़ रही हैं चुनाव

By भाषा | Updated: March 28, 2021 16:00 IST

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तिरुवनंतपुरम, 28 मार्च केरल में आगामी छह अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार जोरों पर है और इस बीच तीन महिला उम्मीदवारों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है जो राज्य में राजनीति से हटकर विभिन्न कारणों से चुनाव लड़ रही हैं।

उनके चुनाव अभियान भले ही अन्य लोगों की तरह जोरदार नहीं हो, लेकिन उनकी उम्मीदवारी खुद जनता के बीच बहस और चर्चा का विषय बनी हुई है।

तीन महिलाएं- कांग्रेस की पूर्व नेता लतिका सुभाष, वालयार बहनों की मां और आरएमपी के दिवंगत नेता टी पी चंद्रशेखरन की पत्नी के. के. रेमा तीन अलग-अलग कारणों से चुनाव लड़ रही है।

चुनाव जीतने से ज्यादा, उनकी प्राथमिकता राजनीतिक दलों में पुरुष वर्चस्व, जानलेवा राजनीति और शोषित बेटियों के लिए त्वरित न्याय के रूप में दिखती है।

लतिका अपनी पार्टी में पुरुष वर्चस्व और अनुचित व्यवहार का विरोध करने के लिए चुनावी मैदान में उतर गई हैं, जबकि के. के. रेमा अपनी उम्मीदवारी के माध्यम से सत्तारूढ़ माकपा की कथित जानलेवा राजनीति के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखना चाहती हैं।

चंद्रशेखरन की मौत के बाद रिवोल्यूशनरी मार्क्‍सवादी पार्टी (आरएमपी) की नेता रेमा का मानना है कि मार्क्‍सवादी पार्टी के कुछ नेता और कार्यकर्ता उनके पति की हत्या में शामिल हैं।

लतिका अपने गृह नगर कोट्टायम जिले में एतमुन्नूर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही हैं, जबकि रेमा कोझीकोड में वडकारा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के समर्थन से चुनाव लड़ रही है।

वालयार लड़कियों की मां अपनी बेटियों के लिए न्याय चाहती हैं जो पलक्कड़ जिले में एक झोपड़ी में 2017 में संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी के फंदे से लटकी मिली थी।

वह धर्मधाम निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही है। इस सीट से मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी चुनाव मैदान में है।

लतिका ने कहा कि वह अपनी जीत के बारे में पूरी तरह आश्वस्त हैं।

56 वर्षीय लतिका ने कहा कि उन्हें एक महिला होने के नाते टिकट से वंचित कर दिया गया था।

वालयार लड़कियों की मां मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव मैदान में है। उनका कहना है कि वाम मोर्चा सरकार द्वारा न्याय देने से कथित तौर पर इनकार किये जाने के खिलाफ वह चुनाव लड़ रही हैं।

लड़कियों की मां ने कहा, ‘‘मेरी प्राथमिकता चुनाव में सफलता या असफलता नहीं है। मेरी बेटियों को न्याय मिलना चाहिए। सभी आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि समाज मेरी लड़ाई में मेरे साथ खड़ा रहेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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