CAA Protest: केरल सीएम विजयन ने 11 राज्यों के मुख्यमंत्री को लिखा खत, कहा-धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को बचाने की जरूरत
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 3, 2020 17:58 IST2020-01-03T17:29:15+5:302020-01-03T17:58:09+5:30
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और ओडिशा के सीएम को पत्र लिखा है।

लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिये सभी भारतीयों का एकजुट होना समय की मांग है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 11 राज्यों के अपने समकक्षों को पत्र लिख कहा कि धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है। लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिये सभी भारतीयों का एकजुट होना समय की मांग है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, पुदुचेरी, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और ओडिशा के सीएम को पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि राज्यों की राय है कि सीएए को निरस्त किया जाना चाहिए, इसी तरह के कदम (सीएए के खिलाफ केरल विधानसभा के प्रस्ताव) पर विचार कर सकते हैं।
केरल विधानसभा द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त करने के प्रस्ताव को पारित किये जाने के कुछ दिनों बाद, राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र की रक्षा को लेकर शुक्रवार को 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा।
ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल सहित 11 मुख्यमंत्रियों को लिखे एक पत्र में, विजयन ने कहा, ‘‘हमारे समाज के एक बड़े वर्ग के बीच नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 को लेकर आशंकाएं पैदा हो गई हैं।’’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के हमारे मूल्यों की रक्षा और संरक्षण के इच्छकु सभी भारतीयों का एकजुट होना समय की मांग है। उल्लेखनीय है कि कानून के खिलाफ हो रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच केरल विधानसभा ने मंगलवार को सीएए को निरस्त करने की मांग संबंधी एक प्रस्ताव को पारित किया।
Kerala CM writes to CM's of Jharkhand, West Bengal,Delhi,Maharashtra, Bihar,Andhra Pradesh, Puducherry, Madhya Pradesh,Punjab,Rajasthan,& Odisha. Saying,"states, which have opinion that CAA should be repealed can consider similar steps (Kerala Assembly's resolution against CAA)".
— ANI (@ANI) January 3, 2020
विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ केरल विधानसभा द्वारा एक प्रस्ताव पारित किए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस बारे में भाजपा की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि राज्य विधानसभा के अपने विशेषाधिकार होते हैं।
सीएए को निरस्त करने की मांग करते हुए मंगलवार को विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के कुछ घंटे बाद कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने वाम सरकार पर निशाना साधा और कहा कि विजयन को ‘‘बेहतर कानूनी सलाह’’ लेनी चाहिए। प्रसाद ने कहा था कि नागरिकता के संबंध में कानून पारित करने की शक्ति केवल संसद के पास है न कि विधानसभा के पास।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य जी वी एल नरसिम्ह राव ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिखकर केरल के मुख्यमंत्री के खिलाफ विशेषाधिकार हनन और अवमानना कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया।
विशेषाधिकार हनन के बारे में पूछने पर विजयन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य विधानसभाओं के अपने विशेषाधिकार होते हैं। ऐसे कदम के बारे में कहीं भी सुनने को नहीं मिला है, लेकिन हम मौजूदा परिस्थिति में किसी भी चीज से इनकार नहीं कर सकते क्योंकि आजकल देश में अप्रत्याशित चीजें हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि विधानसभाओं के पास अपना विशेष संरक्षण है और इसका उल्लंघन नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने वाला पहला राज्य है। यह कानून संविधान के मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा सीएए का समर्थन करने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखने का हक है। इसलिए उनके नजरिए को ऐसे ही देखना चाहिए।