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केरल के मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता ने कहा, नेहरू के आदर्शों पर हो रहा है हमला

By भाषा | Updated: November 14, 2021 22:41 IST

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तिरुवनंतपुरम, 14 नवंबर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विधानसभा में नेता विपक्ष वी डी सतीसन ने रविवार को कहा कि देश एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां पंडित जवाहरलाल नेहरू के आदर्शों पर ‘‘सांप्रदायिक फासीवादी’’ ताकतों द्वारा हमला किया जा रहा है या उनकी अनदेखी की जा रही है।

मुख्यमंत्री और सतीसन की टिप्पणी नेहरू की 132वीं जयंती के अवसर आयी है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि नेहरू आधुनिक भारत की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों में से एक थे और स्वतंत्रता संग्राम में उनके लंबे तथा नि:स्वार्थ नेतृत्व एवं उनकी कूटनीति ने भारत को एक लोकतांत्रिक राष्ट्र बना दिया।

उन्होंने कहा कि देश एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जिसमें नेहरू जिन मूल्यों के लिए खड़े थे, उन पर ‘‘गंभीर हमला किया जा रहा है और अनदेखी की जा रही है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेहरू ने बाल कल्याण और शिक्षा को बहुत महत्व दिया क्योंकि उनका दृढ़ विश्वास था कि बच्चे भारत के भविष्य हैं ।

मुख्यमंत्री के विचारों से सहमति जताते हुए सतीसन ने कहा कि बच्चों और महिलाओं को दुनिया की विभिन्न बुरी ताकतों से बचाने की जरूरत है।

उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि सांप्रदायिक फासीवादी ताकतें हैं जो चाहती हैं कि ‘‘नेहरूवादी’’ आदर्शों को नजरअंदाज कर दिया जाए या नष्ट कर दिया जाए क्योंकि वे अब भी, उनकी मृत्यु के बाद भी उनके विचारों से खतरा महसूस करते हैं।

उन्होंने कहा कि हालांकि, ऐसी ताकतों को निराशा का सामना करना पड़ेगा क्योंकि वे नेहरूवादी आदर्शों को नष्ट नहीं कर पाएंगी।

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष और सांसद के सुधाकरन ने बाल दिवस के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि नेहरू ने आजादी के बाद भारत को विकास की राह पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इस संबंध में जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, सुधाकरन नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर केपीसीसी मुख्यालय में आयोजित ‘जवाहरलाल नेहरू: दर्शन और समकालीन प्रासंगिकता’ पर एक संगोष्ठी में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि पंचवर्षीय योजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से नेहरू देश की विकास प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और सामाजिक समानता प्राप्त करने में सक्षम थे।

केपीसीसी प्रमुख ने कहा कि नेहरू की धर्मनिरपेक्षता, बहुलवाद और लोकतंत्र इस देश की आधारशिला हैं।

सुधाकरन ने कहा कि नेहरू ने संसद में विपक्ष के नेताओं के प्रति उच्च स्तर का सहयोग और सम्मान दिखाया लेकिन आज के राजनीतिक नेता ऐसा शिष्टाचार नहीं दिखाते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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