कठुआ रेप पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले बैंक मैनेजर पर केस दर्ज, नौकरी भी गई
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: April 14, 2018 10:50 AM2018-04-14T10:50:40+5:302018-04-14T14:52:59+5:30
विष्णु नंदकुमार नाम के बैंकर ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'अच्छा हुआ वो मार दी गई वरना कल वो भी भारत के खिलाफ बम लेकर सामने आ सकती थी।'
कोच्चि, 14 अप्रैलः कठुआ में एक आठ साल की मासूम बच्ची से बलात्कार और फिर मर्डर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर एकबार फिर लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। लेकिन केरल में एक प्राइवेट बैंक के असिस्टेंट मैनेजर ने मासूम बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या को सही ठहराया। बैंकर को इसका खामियाजा अपनी नौकरी से हाथ धोकर चुकाना पड़ा। पुलिस ने भी आईपीसी की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
विष्णु नंदकुमार नाम के बैंकर ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'अच्छा हुआ वो मार दी गई वरना कल वो भी भारत के खिलाफ बम लेकर सामने आ सकती थी।' हालांकि नंदकुमार ने अपनी पोस्ट में कहीं भी कठुआ रेप केस या पीड़िता का जिक्र नहीं किया लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने उस पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
विष्णु नंदकुमार की प्रोफाइल से लोगों को पता चला कि वो कोटक महिंद्रा बैंक में काम करते हैं। सोशल मीडिया यूजर्स ने बैंक के आधिकारिक पेज पर कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बनाने लगे। लोगों का गुस्सा इस बात पर था कि इतने क्रूर कृत्य को एक जिम्मेदार आदमी सही कैसे बता सकता है। कुछ लोगों ने नंदकुमार का राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से कनेक्शन भी दिखा दिया। बवाल बढ़ता देख नंदकुमार ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल डीएक्टिवेट कर दी। लेकिन लोग कर्मचारी को हटाने के लिए बैंक पर दबाव बनाते रहे।
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बैंक ने नंदकुमार को बाहर निकाल दिया। बैंक के प्रवक्ता ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि खराब परफार्मेंस की वजह से नंदकुमार की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं। बैंक ने कहा, 'यह बेहद दुखद है कि इतनी वीभत्स घटना को कोई ऐसा कमेंट करे। चाहे वो बैंक का पूर्व कर्मचारी ही क्यों ना हो।' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैंक कर्मचारी की पोस्ट वायरल हो गई। जिसके बाद सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कुछ कार्यकर्ताओं ने बैंक की ब्रांच के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था।
कठुआ रेप केस की पूरी टाइमलाइनः-
- 10 जनवरी को साजिश के तहत आरोपियों ने बच्ची को धर दबोचा। इसके बाद उसे नशीली दवाएं देकर उसे एक देवी स्थान के ले गए, जहां रेप किया।
- 11 जनवरी को नाबालिग आरोपी ने अपने दोस्त को मेरठ से बुलाया। परिजनों ने बच्ची की तलाश शुरू की। नशीली दवाएं देकर रेप किया गया।
- 12 जवनरी को मासूम को फिर नशीली दवाएं देकर रेप। पुलिस की जांच शुरू। आरोपी पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया खुद जांच टीम में शामिल था।
- 13 जनवरी को विशाल, संजी राम और नाबालिग ने देवी स्थान पर पूजा-अर्चना के बाद लड़की के साथ रेप किया और उसे फिर नशीली दवाएं दीं। इसके बाद बच्ची को मारने के लिए वे एक पुलिया पर ले गए। यहां पुलिस अधिकारी दीपक खजुरिया ने कहा कि वह कुछ देर और रुक जाएं क्योंकि वह पहले रेप करना चाहता है। इसके बाद उसका गला घोंटकर मार दिया गया।
- 15 जनवरी को आरोपियों ने मासूम के शरीर को जंगल में फेंक दिया।
- 17 जनवरी को जंगल से मासूम बच्ची का शव बरामद।
- शव का पता चलने के करीब हफ्ते भर बाद 23 जनवरी के सरकार ने यह मामला अपराध शाखा को सौंपा जिसने एसआईटी गठित की।
- 10 अप्रैल को इस मामले में एसआईटी ने अपनी 12 पेज की चार्जशीट दाखिल की। जिसमें कठुआ बार एसोसिएशन के वकीलों ने हंगामा किया।
- 13 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए बार एसोसिएशन को नोटिस भेजा।