आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुथ अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं। अरविंद केजरीवाल तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद संभालने जा रहे है। इसी दौरान शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी सरकारी स्कूलों को निर्देश जारी किया गया है कि सभी स्कूलों के प्रमुखों (हेडमास्टर) से अनुरोध है कि वो 16 फरवरी को होने वाले दिल्ली के सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में 20 शिक्षकों के साथ हिस्सा लें, जिसमें उप-प्रधानाचार्य,उद्यमिता माइंडसेट पाठ्यक्रम समन्वयक, हैप्पीनेस कोऑर्डिनेटर, शिक्षक विकास समन्वयक शामिल हों। दिल्ली में आप को प्रचंड जीत मिली है। आप को दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में 62 सीटें मिली हैं और बीजेपी को 8 सीटें मिली है। सीएए विरोध के बीच हुए इस चुनाव में कांग्रेस का सूफड़ा साफ हो गया।
शिक्षा निदेशालय की अपील पर बीजेपी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया
शिक्षा निदेशालय की इस अपील पर दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा, 'आम आदमी पार्टी जो मुफ्त योजनाओं की घोषणा से चुनाव जीती है, उनके पास विधायक बहुत हैं, लेकिन पब्लिक का समर्थन नहीं है। शपथ ग्रहण में लोगों के भाग न लेने के भय से, इसने 30,000 शिक्षकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित होने को कहा है।'
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता मुकेश शर्मा ने ट्वीट किया, 'सरकारी आदेश में सरकारी स्कूल के टीचर्स से केजरीवाल के शपथ ग्रहण में शामिल होने कहा गया है। यह साफ है कि शपथ ग्रहण में भीड़ जुटाने को शक्ति का दुरुपयोग हो रहा है।'
आलोचनाओं पर शिक्षा निदेशालय का जवाब
शिक्षा निदेशालय ने आलोचनाओं पर जवाब देते हुए कहा है कि उन्हें आप सरकार के शिक्षा मॉडल पर उनके योगदान को सम्मान देने के लिए बुलाया जा रहा है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उपस्थिति अनिवार्य है या स्वेच्छिक।
नौकरशाह से नेता बने 51 वर्षीय केजरीवाल के लिए अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले इंडिया एगेंस्ट करप्शन आंदोलन के दौरान आंदोलन स्थली रहे इस मैदान को सजाया जा रहा है तथा पार्टी कार्यकर्ता तैयारी में जुटे हुए हैं। करीब करीब 2015 जैसा ही प्रदर्शन कर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने हाल के दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज कर सत्ता बरकरार रखी है और मुख्य विपक्षी भाजपा को जबर्दस्त झटका दिया है।