नयी दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल सरकार दक्षिणी दिल्ली में अस्थाई अस्पताल के तौर पर विशाल तंबू में कोरोना वायरस रोगियों के लिये 10 हजार बिस्तरों वाला अस्थायी अस्पताल तैयार करने की योजना बना रही है। यह प्रस्तावित अस्पताल आध्यात्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग ब्यास के दक्षिणी दिल्ली स्थित परिसर में स्थापित किया जाएगा।
राधा स्वामी सत्संग, भाटी माइंस के सचिव विकास सेठी ने कहा कि संगठन का हरा-भरा परिसर दिल्ली-हरियाणा सीमा के नजदीक स्थित है। कोविड-19 अस्पताल की लंबाई 1700 फुट जबकि चौड़ाई 700 फुट होगी। जिसमें 50-50 बिस्तर वाले 200 बाड़े होंगे। उन्होंने कहा कि यह इस तरह का दिल्ली का सबसे बड़ा अस्थायी अस्पताल होगा। जून के अंत तक इसका काम पूरा होने की उम्मीद है।
सेठी ने कहा कि धातु के तंबुओं में बत्तियां और पंखे लगा दिये गए हैं। गर्मी को देखते हुए कूलरों की जरूरत पड़ेगी। परिसर में स्थित भवन में चिकित्सा कर्मियों को भी ठहराया जा सकता है। संगठन ने दो-तीन दिन पहले अपने परिसर में अस्थायी अस्पताल बनाने की अनुमति दी थी। अनुमंडल मजिस्ट्रेट राकेश कुमार ने डॉक्टरों की एक टीम के साथ शनिवार को स्थल का निरीक्षण किया।
दक्षिण दिल्ली के जिलाधिकारी बी एम मिश्रा ने कहा कि प्रशासन किसी भी कीमत पर जून के अंत तक काम पूरा करना चाहता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक संगठन एक बड़ी रसोई का संचालन करता है जो एक बार में एक लाख लोगों को खिला सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छी चीज है। हम इसके अनुसार 10,000 लोगों के लिए भोजन तैयार कर सकते हैं।’’
साथ ही, मिश्रा ने कहा, परिसर में पर्याप्त संख्या में शौचालय हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लगभग 500 शौचालय हैं, जो 10,000 रोगियों के लिए पर्याप्त हैं।’’ जिलाधिकारी के अनुसार, प्रत्येक बाड़े के लिए एक डॉक्टर, दो नर्स और एक सफाईकर्मी की जरूरत होगी।
दिल्ली सरकार के अनुमान के अनुसार जुलाई के अंत तक यहां होंगे 5 लाख केस
दिल्ली सरकार के अनुमान के अनुसार जुलाई के अंत तक राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 रोगियों की संख्या पांच लाख से अधिक हो सकती है। कोविड-19 रोगियों के लिये लगभग एक लाख बिस्तरों की जरूरत पड़ेगी। फिलहाल दिल्ली में राज्य सरकार, केन्द्र सरकार और निजी अस्पतालों में कोविड-19 के लिए समर्पित कुल 9,647 बिस्तरों की व्यवस्था है।
इनमें से 5,402 पर रोगी भर्ती हैं। इसके अलावा दिल्ली सरकार ऐसे समुदाय भवनों और स्टेडियमों की भी पहचान शुरू कर दी है, जिन्हें अस्थायी कोविड-19 अस्पताल बनाया जा सकता है।