Kawad Yatra 2024: दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं, कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 22, 2024 13:53 IST2024-07-22T13:52:06+5:302024-07-22T13:53:07+5:30

Kawad Yatra 2024: न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के इन निर्देशों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया।

Kawad Yatra 2024 Shopkeepers not need reveal their identity Supreme Court said nameplate controversy notice Up, Uttarakhand Madhya Pradesh governments | Kawad Yatra 2024: दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं, कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस

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Highlights‘‘क्या राज्य सरकारों ने कोई औपचारिक आदेश पारित किया है?’’यह संविधान के खिलाफ है। इस मामले की सुनवाई जारी है।

Kawad Yatra 2024: उच्चतम न्यायालय ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी। इसके साथ ही न्यायालय ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के इन निर्देशों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है जिसमें कहा गया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने होंगे। मोइत्रा की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ से कहा कि भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के लिए ‘‘परोक्ष’’ आदेश पारित किए गए हैं। इसके बाद पीठ ने सिंघवी से पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड ने भोजनालय मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के संबंध में कोई औपचारिक आदेश दिया है। पीठ ने कहा, ‘‘क्या राज्य सरकारों ने कोई औपचारिक आदेश पारित किया है?’’

सिंघवी ने कहा कि भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड का आदेश ‘‘पहचान के आधार पर बहिष्कार’’ है और यह संविधान के खिलाफ है। इस मामले की सुनवाई जारी है। मोइत्रा ने अपनी याचिका में दोनों राज्य सरकारों द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाए जाने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसे निर्देश समुदायों के बीच विवाद को बढ़ावा देते हैं। इसमें आरोप लगाया गया है कि संबंधित आदेश मुस्लिम दुकान मालिकों और कारीगरों के आर्थिक बहिष्कार तथा उनकी आजीविका को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जारी किया गया है। 

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