अब आईएस से मुकाबले को तैयार है कश्मीर! पहले ही अफगान मुजाहिदीन, तालिबान, अल कायदा के आतंकियों से जूझ रहा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: November 11, 2020 07:35 PM2020-11-11T19:35:27+5:302020-11-11T19:36:27+5:30
‘भारतीय सेना के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है और वह चाहे किसी भी गुट का हो या फिर किसी भी देश का।’ उनके बकौल, भारतीय सुरक्षाबल और कश्मीर आईएसआईएस से मुकाबले को पूरी तरह से तैयार है और उनका भी हश्र 30 देशों के आतंकियों की ही तरह होने वाला है।
जम्मूः ऐसे में जबकि कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों ने 30 से अधिक देशों के खूंखार माने जाने वाले आतंकियों का मुकाबला आतंकवाद के इन 32 सालों में किया है, वे आईएसआईएस को भी बड़ा खतरा नहीं मानते हैं।
एक सेनाधिकारी के बकौल ‘भारतीय सेना के लिए आतंकी, आतंकी ही होता है और वह चाहे किसी भी गुट का हो या फिर किसी भी देश का।’ उनके बकौल, भारतीय सुरक्षाबल और कश्मीर आईएसआईएस से मुकाबले को पूरी तरह से तैयार है और उनका भी हश्र 30 देशों के आतंकियों की ही तरह होने वाला है।
ऐसे में आपको यह जान कर हैरानगी होगी कि कश्मीर शायद दुनिया का ऐसा आतंकवादग्रस्त इलाका है जहां 30 देशों के आतंकी सक्रिय हैं और यहां पर अफगान मुजाहिदीनों, तालिबानियों और अल-कायदा के सदस्यों से सुरक्षाबल इन 32 सालों में मुकाबला करते आए हैं और अब कश्मीर में सक्रिय आईएस समर्थकों की हरकतों पर लगातार करीब पांच साल से नजर रखने वाले अधिकारी अब यह जरूर कहने लगे थे कि कश्मीर ने अफगान मुजाहिदीनों, तालिबानियों और अल-कायदा के सदस्यों का मुकाबला किया है और अब वह आईएसआईएस के मुकाबले के लिए भी तैयार है।
अगर रक्षाधिकारियों पर विश्वास करें तो अल-कायदा का पर्दापण भी कश्मीर में कई साल पहले हो चुका है। एलओसी पर होने वाली मुठभेड़ों में कुछेक अल-कायदा सदस्यों को मार गिराया जा चुका है और एक को जीवित पकड़ा गया था। फिलहाल जीवित पकड़ा गया आतंकी जेल में बंद है। कश्मीर में 1988 में जब आतंकवाद शुरू हुआ तो तब स्थानीय आतंकी ही मैदान में थे।
वर्ष 1992-93 के मध्य में पाकिस्तान ने पहले अफगान मुजाहिदीनों को इस ओर धकेला। उसके बाद विदेशी आतंकियों की ऐसी बाढ़ कश्मीर में आई की सुरक्षाबलों ने अभी तक 30 से अधिक देशों के उन भाड़े के आतंकियों को कश्मीर में ढेर कर दिया जो सिर्फ पैसे की खातिर और खूबसूरत कश्मीरी औरतों को पाने के लालच में कश्मीर में चल रही तथाकथित आजादी की जंग में कूदे थे।
कश्मीर में विदेशी आतंकियों का आना कभी रूका नहीं था। जब रूसी सेना ने अफगानिस्तान में अपना दबाव बढ़ाया तो पाकिस्तान ने उन तालिबानियों को इस ओर धकेल दिया जो अफगानिस्तान से भाग कर पाकिस्तानी इलाकों में वापस लौट आए थे। माना की कुछ देर तक वे भारतीय सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बन कर उभरे थे पर भारतीय सेना ने सभी आतंकियों को आतंकी के तौर पर लेते हुए उनसे डटकर मुकाबला किया और उन्हें भी परास्त कर दिया।