कश्मीर में कोरोना के कारण हालात और खराब, दो सौ माइक्रो कंटेनमेंट जोन के बाद श्रीनगर में धारा 144
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: April 28, 2021 20:51 IST2021-04-28T17:39:40+5:302021-04-28T20:51:45+5:30
श्रीनगर में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी को देखते हुए प्रशासन ने नगर निगम क्षेत्राधिकार में धारा 144 लागू कर दी है।

जम्मू संभाग में रोजाना कोविड-19 के जितने केस आ रहे हैं, उसमें से औसतन साठ फीसद केस केवल जम्मू जिले से रिपोर्ट हो रहे हैं।
जम्मूः जम्मू-कश्मीर में कोरोना के कारण हालात और खराब होते ही प्रशासन ने श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी है।
18 और लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार और सोमवार 53 लोगों की मौत हुई थी। इसके साथ ही मौत का आंकड़ा बढ़ कर 2215 हो गया है। कश्मीर में दो सो से ज्यादा और जम्मू शहर में ही 35 से अधिक माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा चुके हैं। श्रीनगर में कोरोना संक्रमण के मामलों में आई तेजी को देखते हुए प्रशासन ने नगर निगम क्षेत्राधिकार में धारा 144 लागू कर दी है।
श्रीनगर के एसएसपी संदीप चौधरी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि धारा 144 को लागू करने के पीछे का मुख्य मकसद संक्रमण को रोकना है। धारा लागू करने के साथ ही श्रीनगर शहर में सुरक्षाबलों की तैनात सड़कों पर बढ़ा दी गई है। कोरोना की दूसरी लहर जम्मू जिले को भी बढ़ी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है।
पूरे जम्मू संभाग में रोजाना कोविड-19 के जितने केस आ रहे हैं, उसमें से औसतन साठ फीसद केस केवल जम्मू जिले से रिपोर्ट हो रहे हैं। जम्मू जिले में रोजाना करीब 500 नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं और यहीं कारण है कि अब यहां का स्वास्थ्य ढांचा भी तनाव में आ चुका है। निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे और गवर्नमेंट मेडिकल कालेज में दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
इसी के चलते गांधी नगर अस्पताल में सभी सामान्य गतिविधियां बंद करके इसे कोविड-19 अस्पताल बना दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के जानकारों की माने तो अगर जम्मू जिले में कोविड-19 मरीजों की रफ्तार इसी तरह जारी रही तो आने वाले एक पखवाड़े में हालात बिगड़ सकते हैं।
कई संगठन अब प्रदेश में पूर्ण लाकडाउन लगाए जानंे की मांग भी करने लगे हैं। कश्मीर डाक्टरों के संगठनों की ओर से कहा जा रहा है कि कश्मीर में हालात बहुत ज्यादा बिगड़ते जा रहे हैं जिसको थामने की खातिर प्रदेश में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी के साथ ही लॉकडाउन लगाया जाना बेहद जरूरी हो चुका है।