करुणानिधि के शव को क्यों दफ़नाया जा रहा है

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 8, 2018 02:02 PM2018-08-08T14:02:21+5:302018-08-08T14:02:21+5:30

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को भी दफन किया गया था। जयललिता हों या करुणानिधि दोनों को दफन किए जाने के पीछे दो प्रमुख वजहें बतायी जाती हैं।

karunanidhi death Updates: Why Karunanidhi's body will buried and not cremated, know the significance | करुणानिधि के शव को क्यों दफ़नाया जा रहा है

करुणानिधि के शव को क्यों दफ़नाया जा रहा है

नई दिल्ली, 08 अगस्त: तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि का बुधवार को चेन्नई में अंतिम संस्कार किया जाएगा। पाँच दशकों तक डीएमके के सर्वेसर्वा रहे करुणानिधि का मंगलवार को निधन हो गया। करुणानिधि का जन्म हिन्दू परिवार में हुआ था इसके बावजूद उन्हें जलाने के बजाय दफनाया जाएगा। आपको याद होगा कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को भी दफन किया गया था। जयललिता हों या करुणानिधि दोनों को दफन किए जाने के पीछे दो प्रमुख वजहें बतायी जाती हैं। 

1- द्रविड़ स्वाभिमान आंदोलन और ब्राह्मणवाद का विरोध 

अाजादी से पहले ही तमिलनाडु में द्रविड़ स्वाभिमान आंदोलन की शुरुआत हुई। इसके सर्वप्रमुख नेता थे ईवी रामासामी नाइकर जो पेरियार नाम से मशहूर थे। पेरियार नास्तिक थे। वो धार्मिक कर्मकाण्डों के सख्त विरोधी थे। वो हिन्दू धर्म से जुड़ी कई रीतियों-प्रचलनों को आर्य और 'ब्राह्मणवादी' परंपरा बताते थे और उनके उग्र विरोध करते थे। पेरियार ने जन्म, विवाह से लेकर अंतिम संस्कार तक 'ब्राह्मणवादी' परंपराओं का विरोध किया।

तमिलनाडु यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आरसू ने हिंदुस्तान टाइम्स अखबार को बताया कि 'पेरियार या द्रविड़ मूवमेंट से जुड़े लोग ब्राह्मणवाद के सख्त खिलाफ होते हैं। ये लोग भगवान, भगवान के नाम या उनसे जुड़ी किसी भी चीज में विशवास नहीं करते हैं। यही कारण है कि द्रविड़ मूवमेंट से जुड़ा हर व्यक्ति ब्राह्मण समाज के किसी भी रीति-रिवाज को महत्व नहीं देता है। 

पेरियार के निधन के बाद उनके शरीर को परंपरागत तरीके से जलाने के बजाय दफनाया गया। उसके बाद से ही यह परंपरा जारी है।

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2- द्रविड़ नेताओं की परंपरा

पेरिया को दफन किये जाने के बाद तमिलनाडु की राजनीति में यह परंपरा अपने आप में कर्मकाण्ड बन गई। पेरियार के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रमुख तमिल नेता सी अन्नादुरई को भी जलाया नहीं गया बल्कि दफन किया गया। अन्नादुरई के बाद मुख्यमंत्री बनने वाले एमजी रामचंद्रन को भी दफन किया गया।

एमजीआर की उत्तराधिकारी जयललिता को दफन किया गया। तमिलनाडु की राजनीति को पिछले सात दशको में सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले नेताओं के दफन किए जाने की वजह सभी नेता मरने के बाद भी खुद को द्रविड़ आंदोलन की विरासत बढ़ाने वाले नेता के तौर पर पेश करना चाहते हैं। यह भी एक बड़ी वजह है कि करुणानिधि को दफन किया जा रहा है।  

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