गरीबों के अस्पताल के लिए करुणानिधि ने अपना घर कर दिया था दान, 86वें जन्मदिन पर किया ये शुभ काम
By पल्लवी कुमारी | Published: August 8, 2018 01:55 PM2018-08-08T13:55:22+5:302018-08-08T13:55:22+5:30
करूणानिधि ने अपने 86 वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के जीवन के बाद अपने घर को अन्नई अंजुगम ट्रस्ट (अपनी नाम के नाम) को अस्पताल चलाने के लिए दान दिया था।
चेन्नई, 8 अगस्त: तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और 50 सालों तक राज्य की प्रमुख पार्टी डीएमके के सर्वेसर्वा रहे एम करुणानिधि ने 7 अगस्त 2018 चेन्नई के कावेरी अस्पताल में आखिरी सांस ली। शाम 6 बजकर 10 मिनट पर चेन्नई के कावेरी अस्पताल में निधन हुआ। करुणानिधि के मौत से पूरे देश में शोक की लहर है। एम करुणानिधि जैसी शख्सियत सदी में पैदा होते हैं। वह एक पुरोध राजनेता, लेखक, पटकथा और कला के विद्वान ही नहीं थे बल्कि एक समाज सेवी भी थे।
द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने चेन्नई के पॉश गोपालपुरम स्थित अपना आवास 2010 में गरीबों के वास्ते एक अस्पताल बनाने के लिए दान में दे दिया था। ये घर उनका काफी आलिशान महल जैसा था। करूणानिधि ने अपने 86 वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर उन्होंने अपने और अपनी पत्नी के जीवन के बाद अपने घर को अन्नई अंजुगम ट्रस्ट (अपनी नाम के नाम) को अस्पताल चलाने के लिए दान दिया था।
इसमें कहा गया था कि इस जगह पर बनने वाले अस्पताल का नाम कलैग्नार करुणानिधि अस्पताल रखा जाएगा। वर्ष 1968 में उन्होंने यह घर अपने बेटों अलागिरी, स्टालिन और तमिलरासू के नाम रजिस्टर कराया था। बेटों की सहमति मिलने के बाद 2009 में उन्होंने इसे ट्रस्ट को दान कर दिया था। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एक राजा और जाने माने तमिल गीतकार वैरामुतू ट्रस्ट के सदस्यों में शामिल हैं।
करुणानिधि के निधन से राज्य शोक में है। मरीना बीच पर इनको दफनाया जाएगा। बता दें कि 28 जुलाई को कावेरी हॉस्पिटल के आईसीयू में करुणानिधि को एडमिट करवाया गया था। शुरुआती इलाज के बाद उनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल में कर लिया गया था। शनिवार रात को हॉस्पिटल ने एक बयान जारी कर कहा था कि करुणानिधि के स्वास्थ्य को 'अस्थाई झटका' लगा है। हॉस्पिटल ने कहा कि उनके 'अंग सामान्य हो रहे हैं।
करुणानिधि का स्वास्थ्य अक्टूबर 2016 से ठीक नहीं है और कुछ दिन पहले ट्रेकोस्टोमी ट्यूब बदलने के लिए उनका ऑपरेशन किया गया था।25 जुलाई को करुणानिधि की पेशाब नली में इंफेक्शन की शिकायत मिली थी, जिसके बाद से उनका इलाज चल रहा था। इनका जन्म 3 जून 1924 को एक साधारण परिवार में हुआ था। करुणानिधि 1957 में पहली बार चुनाव जीत कर तमिलनाडु विधान सभा में पहुंचे। 1969 में वह पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। करुणानिधि करीब पांच दशकों से लंबे राजनीतिक करियर में पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने। करुणानिधि छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़ गए थे और द्रविड़ सम्मान आंदोलन में और हिंदी विरोधी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। राजनीतिक को पूर्णकालिक करियर बनाने से पहले करुणानिधि तमिल सिनेमा के प्रमुख हस्ती बन चुके थे। उनके लिखे नाटकों, लेखों और फिल्मों ने उन्हें तमिल भाषी समाज में बेहद लोकप्रिय बना दिया था।
(भाषा इनपुट)
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