करतारपुर गलियाराः भारत-पाकिस्तान में वार्ता, ‘जीरो प्वाइंट’ को लेकर दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक
By भाषा | Updated: August 30, 2019 14:01 IST2019-08-30T14:01:43+5:302019-08-30T14:01:43+5:30
केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है। अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक ‘जीरो प्वाइंट’ पर हो रही है। ‘जीरो प्वाइंट’ वह बिंदु है, जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलेंगे।

सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी।
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे के तकनीकी पहलुओं पर शुक्रवार को चर्चा की।
केंद्र सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है। अधिकारियों ने बताया कि यह बैठक ‘जीरो प्वाइंट’ पर हो रही है। ‘जीरो प्वाइंट’ वह बिंदु है, जहां गलियारे का भारतीय हिस्सा और पाकिस्तानी हिस्सा मिलेंगे।
इस बैठक में प्रत्येक पक्ष के 15 अधिकारियों का समूह हिस्सा ले रहा है। यह गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को वीजा मुक्त आवाजाही की सुविधा प्रदान करेगा।
सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब जाने के लिए केवल अनुमति लेनी होगी। करतारपुर साहिब की स्थापना गुरू नानक देव ने 1522 में की थी। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को निरस्त कर दिए थे और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच यह पहली बैठक है।
Pakistani delegation has arrived at the Zero Point of #KartarpurCorridor, for technical meeting between India and Pakistan on #KartarpurCorridor. pic.twitter.com/ikc1VvlBpl
— ANI (@ANI) August 30, 2019
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैसल ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘पाकिस्तान करतारपुर साहिब गलियारे को पूरा करने और उसका उद्घाटन करने के लिए प्रतिबद्ध है जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री (इमरान खान) ने घोषणा की थी।’’
पाकिस्तान और भारत गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर 12 नवंबर को लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नारोवाल में गलियारे के उद्घाटन के संबंध में तौर-तरीकों पर विचार कर रहे हैं। करतारपुर गलियारे को लेकर पिछले कुछ महीनों में कई दौर की बैठकें हुई हैं जिनमें दोनों पक्षों के विशेषज्ञों ने प्रस्तावित क्रॉसिंग बिंदुओं के संरेखण, समन्वय और अन्य तकनीकी पहलुओं पर बात की है।
दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने जुलाई में अटारी-वाघा सीमा पर पाकिस्तान की ओर एक बैठक की थी जिसमें करतारपुर गलियारे के तौर-तरीकों पर बातचीत की गई थी। यह गलियारा 1947 में भारत की आजादी के बाद से दोनों पड़ोसी देशों के बीच पहला वीजा मुक्त गलियारा भी होगा।
Technical meeting between India and Pakistan on Kartarpur Corridor to be held today at the Zero Point of #KartarpurCorridor. https://t.co/sYvY8Io6bd
— ANI (@ANI) August 30, 2019
पाकिस्तान भारतीय सीमा से लेकर गुरुद्वारा दरबार साहिब तक गलियारे का निर्माण कर रहा है जबकि डेरा बाबा नानक से लेकर सीमा तक दूसरे हिस्से का निर्माण भारत करेगा। जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
कश्मीर पर भारत के कदम को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने नयी दिल्ली के साथ राजनयिक संबंधों का दर्जा कम कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पिछले साल 26 नवंबर को डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब गलियारे (अंतरराष्ट्रीय सीमा तक) की पंजाब के गुरदासपुर जिले के मान गांव में नींव रखी थी।
इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 नवंबर को चार किलोमीटर लंबे गलियारे की आधारशिला रखी थी जिसके साल 2019 के समाप्त होने से पहले पूरा होने की उम्मीद है।