नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन पद्म पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से दिए गए। इसी क्रम में कर्नाटक की ट्रांसजेंडर लोक कलाकार मंजम्मा जोगती को भी पद्म श्री पुरस्कार से सम्मामित किया गया। जोगती ने जिस अंदाज में पुरस्कार ग्रहण किया, उसने सभी का दिल जीत लिया।
जोगती ने अपने खास अंदाज से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। दरअसल पुरस्कार लेने से पहले जोगती अपनी साड़ी का पल्लू राष्ट्रपति कोविंद के करीब ले गईं और फिर दोनों हाथों से जमीन को छुआ। ये नजर उतारने जैसी रस्म थी।
राष्ट्रपति कोविंद ने भी मुस्कुराते हुए हाथ जोड़ कर उन्हें नमस्कार किया। इस मौके पर पूरा राष्ट्रपति भवन तालियों से गूंज उठा। सोशल मीडिया पर भी इसका वीडियो वायरल हो रहा है।
कौन हैं मंजम्मा जोगती?
मंजम्मा जोगती दरअसल जोगम्मा परंपरा की ट्रांसजेंडर डांसर हैं। वे कर्नाटक जनपद अकादमी की पहली ट्रांसवुमन अध्यक्ष भी हैं। ये लोक कलाओं के लिए राज्य सरकार की शीर्ष संस्था है। कर्नाटक जनपद अकादमी की स्थापना 1979 में हुई थी।
कर्नाटक के बेल्लारी जिले के कल्लुकम्बा गांव में जन्मी मंजम्मा जोगती का असल नाम मंजूनाथ शेट्टी है। गरीबी, सामाजिक बहिष्कार, भीख मांगकर गुजारा करना, बलात्कार आदि झेल चुकीं जोगती ने 10वीं तक पढ़ाई की है।
मंजूनाथ शेट्टी की उनकी पहचान 15 साल की उम्र में उस समय पीछे छूटने लगी जब उन्हें ये अहसास होने लगा कि वे दरअसल एक महिला हैं।
इसके बाद उन्होंने लड़कियों की तरह जीवनशैली अपनाना शुरू कर दिया। इसके बाद उनके घर वाले उन्हें होसपेट (Hospet) में एक मंदिर ले गए जहां 'जोगप्पा' कराया गया। ये एक ऐसी परंपरा है जिसमें देवी या देवता से शादी कराई जाती है। इसके बाद मंजूनाथ शेट्टी का नाम छूट गया और वे मंजम्मा जोगती बन गईं।