बेंगलुरु।कोरोना वायरस की रोकथाम को देश भर में जारी लॉकडाउन में लोग धार्मिक अनुष्ठानों से बाज नहीं आ रहे हैं। लॉकडाउन के बावजूद देश के कई हिस्सों से धार्मिक पर्वों पर भारी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की खबरें आती रही हैं। ताजा मामला कर्नाटक में सामने आया है। यहां आस्था का सैलाब उमड़ा तो सोशल डिस्टेंसिंग धज्जियां उड़ गईं। कर्नाटक स्थित रामनगर के कोलागोंडनहल्ली गांव में गुरुवार को आयोजित एक मेले में बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। पंचायत विकास अधिकारी एसी कालमट्ट से उन्होंने इस सामूहिक आयोजन की अनुमति ली थी। तहसीलदार से इस सामूहिक आयोजन के बारे में मिली सूचना के आधार पर उन्हें रामनगर के डिप्टी कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया। बता दें कि कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन जारी है जिसके तहत तमाम सामूहिक आयोजनों पर रोक लगाई गई है।
बताते चलें कि ऐसा ही एक मामला कर्नाटक में पहले भी सामने आ चुका है। कलबुर्गी जिले में लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए एक स्थानीय शिव मंदिर में रथ उत्सव आयोजित किया गया जिसमें काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया था। शिकायत पर पुलिस ने समारोह के पांच आयोजकों को गिरफ्तार किया था। क्षेत्रीय पुलिस उप-निरीक्षक और एक अन्य अधिकारी को निलंबित भी किया गया था। कलबुर्गी के चित्तपुर तालुक के रावूर गांव में भगवान सिद्धिलिंगेश्वर मंदिर के वार्षिक रथ उत्सव के आयोजन में करीब 15-20 मिनट के लिए किया गया था। मंदिर प्रबंधन ने पहले कहा था कि इस बार कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। कलबुर्गी कोरोना वायरस से प्रभावित क्षेत्रों में से एक है और देश में कोरोना वायरस से पहली मौत इसी जिले में हुई थी।
मणिपुर में लॉकडाउन का उल्लंघन करने के मामले में 870 लोगों को हिरासत में लिया गया
मणिपुर पुलिस ने राज्य में लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने के मामले में 870 लोगों को हिरासत में लिया है और 696 वाहनों को जब्त किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एल कैलुन ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में बताया कि हिरासत में लिए गए सभी लोगों को अदालतों के समक्ष पेश किया गया और उन पर कुल 1.03 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। एडीजीपी ने कहा कि पुलिस बंद का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत कानूनी कार्रवाई करना जारी रखेगी।