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कर्नाटक हिजाब विवाद में सुप्रीम कोर्ट जल्द करेगा सुनवाई, 3 जजों की बेंच पर लगी मुहर

By अंजली चौहान | Updated: January 23, 2023 13:17 IST

कर्नाटक में स्कूलों में होने वाली परीक्षाओं से पहले हिजाब बैन के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग हुई मंजूर।

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ठळक मुद्देकर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर जल्द होगी सुनवाई।छात्राओं की परीक्षा होने के कारण मामले की जल्द सुनवाई का किया गया आग्रह।कोर्ट ने याचिकाकार्ता की मांग को माना और मामले के लिए 3 जजों की बेंच पर लगाई मुहर।

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर लगी रोक पर सुनवाई करने के लिए याचिका दायर की गई है। इस याचिका में की गई मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जताते हुए जल्द सुनवाई करने का निर्णय लिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने इससे पहले कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज करने का फैसला सुनाया था, लेकिन एक याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय किया गया। इस फैसले में हाईकोर्ट के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था। इसी मामले में वकील ने मांग की है कि कोर्ट जल्द से जल्द सुनवाई करें।

पिछले साल सितंबर में कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों को दलील को सुना और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। 

3 जजों की बेंच करेगी सुनवाई 

सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब मामले में वकील को आश्वासन देते हुए मामले की जल्द सुनवाई के लिए आदेश दिया है। साथ ही इस केस के लिए तीन जजों की बेंच को नियुक्त किया गया है। बता दें कि इस मामले में 10 दिनों तक चली लंबी बहस चली। याचिकाकर्ता की ओर से 21 वकील शामिल थे और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज और कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने प्रतिवादियों के लिए तर्क दिए।

इस मामले में याचिकाकर्ता वकील का कहना है कि परीक्षा शुरू होने वाली है और ये परीक्षा मुस्लिम छात्राएं भी देंगी। इस केस के कारण पहले ही उनका एक साल बर्बाद हो चुका है। ऐसे में अगर फैसला समय रहते हुए हो गया तो उन छात्राओं को परीक्षा देने में सहूलियत होगी। 

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