कर्नाटक हिजाब विवाद: सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों ने फैसले में दी बंटी हुई राय, जानिए अब आगे क्या होगा
By विनीत कुमार | Updated: October 13, 2022 11:12 IST2022-10-13T10:47:05+5:302022-10-13T11:12:31+5:30
हिजाब विवाद मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच का फैसला आ गया। हालांकि दोनों जजों की राय मामले पर अलग-अलग रही। ऐसे में अब मामले को बड़ी बेंच में भेजा जा सकता है।

कर्नाटक हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के जजों की बंटी राय (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने या नहीं पहनने के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की पीठ का फैसला बंटा हुआ आया है। मामले पर दोनों जजों की राय अलग-अलग है। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने जहां कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किया, वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने इसके उलट फैसला दिया है। जस्टिस धूलिया ने मामले पर आदेश सुनाते कहा कि यह चयन की बात है और इससे ज्यादा या कम कुछ भी नहीं।
इसके बाद जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि मामले पर उचित डायरेक्शन के लिए मामले को चीफ जस्टिस के पास भेजा जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब मामले को बड़ी बेंच के पास भेजा जा सकता है। इससे पहले जस्टिस हेमंत गुप्ता और सुधांशु धूलिया की पीठ ने 10 दिनों तक मामले में दलीलें सुनने के बाद 22 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Karnataka Hijab ban case | It’s a matter of choice, nothing more, nothing less, says Justice Dhulia while pronouncing the order.
— ANI (@ANI) October 13, 2022
Justice Sudhanshu Dhulia allowed the appeals and set aside the Karnataka High Court order https://t.co/oCmBSQIANI
दरअसल, कर्नाटक हाई कोर्ट ने 15 मार्च को राज्य के उडुपी में गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग द्वारा कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।
कर्नाटक का हिजाब विवाद, क्या है पूरा मामला
स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने का मामला मामला पिछले साल कर्नाटक में अक्टूबर से शुरू हुआ था। उस समय एक पीयू कॉलेज (प्री-यूनिवर्सिटी) में कुछ छात्राओं ने हिजाब पहनने की मांग शुरू की। हालांकि, मामले ने तब तूल पकड़ा जब पिछले साल दिसंबर में उडुपी के सरकारी पीयू कॉलेज में हिजाब पहनकर आई 6 छात्राओं को कक्षा में आने से रोक दिया गया। इसके बाद कॉलेज के बाहर प्रदर्शन शुरू हो गया और मामला सुर्खियों में आया। कॉलेज में एक अलग गुट हिजाब पहनकर आने की मांग का विरोध करने लगा।
हालात ऐसे बिगड़े कि स्कूल-कॉलेजों को कुछ दिन बंद भी करना पड़ा। साथ ही इस पूरे मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई। वहीं, राज्य सरकार ने 5 फरवरी 2022 को दिए आदेश में स्कूलों तथा कॉलेजों में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा पहुंचाने वाले वस्त्रों को पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंच गया। हाई कोर्ट ने स्कूल-कॉलेजों में यूनिफॉर्म के पूरी तरह पालन का राज्य सरकार का आदेश सही ठहराया गया था। कर्नाटक उच्च न्यायलय के आदेश को चुनौती देते हुए कई याचिकार्ताओं ने फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।