बेंगलुरु।कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को उस आईएएस अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिन्होंने संक्रमण मुक्त हो चुके तबलीगी जमात के सदस्य द्वारा अन्य मरीजों के लिए प्लाज़्मा दान करने पर टिप्पणी की थी। भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी मोहम्मद मोहसिन पिछले साल उस समय चर्चा में आए थे, जब अप्रैल में ओडिशा दौरे के दौरान चुनाव पर्यवेक्षक के नाते उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हेलीकॉप्टर की जांच करने की कोशिश की थी और चुनाव आयोग ने उन्हें निलंबित कर दिया था।
मोहसिन ने 27 अप्रैल को ट्वीट किया था, ‘‘300 से अधिक तबलीगी नायक अकेले दिल्ली में अपना प्लाज़्मा देश के लिए दान कर रहे हैं। किसके लिए? गोदी मीडिया? वह इन नायकों द्वारा मानवता के लिए किए जा रहे कार्य को नहीं दिखाएगी।’’
वर्ष 1996 के आईएएस बैच के अधिकारी मोहसिन कर्नाटक काडर में हैं और मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। मौजूदा समय में वह पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में बतौर सचिव कार्यरत हैं। राज्य सरकार ने कहा कि उनके ट्वीट को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
‘‘पीटीआई-भाषा’’को नोटिस की प्रति मिली है जिसमें सरकार ने कहा, ‘‘ इस ट्वीट को मीडिया में मिले प्रतिकूल प्रचार पर सरकार ने गंभीरता से संज्ञान लिया है। कोविड-19 गंभीर मामला है और संवेदनशीलता इसमे शामिल है।’’ राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह ने
‘‘पीटीआई-भाषा’’ से कहा, ‘‘ कर्नाटक सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह शक्तिशाली अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने से वह नहीं हिचकेगी अगर उनकी गतिविधियां ऐसे समय में समरसता को खराब करती है जब कोविड-19 के खिलाफ एकजुटता की जरूरत है।’’
गौरतलब है कि तबलीगी जमात उस समय चर्चा में आया जब सरकार के निर्देशों के विपरीत दक्षिण दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज में धार्मिक जमावड़ा हुआ और इसमें शामिल कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए।