वैवाहिक दुष्कर्म मामले में व्यक्ति के खिलाफ मुकदमे का कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किया समर्थन, जानें क्या है वजह

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 22, 2022 16:30 IST2022-12-22T16:30:17+5:302022-12-22T16:30:44+5:30

न्यायालय के समक्ष दाखिल एक हलफनामे में कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की मांग की है और वैवाहिक बलात्कार के आरोपी पति के खिलाफ मुकदमा चलाने का समर्थन किया है।

Karnataka government supported case against person marital rape Supreme Court Exception 2 to section 375 IPC decriminalizes rape by husband on wife | वैवाहिक दुष्कर्म मामले में व्यक्ति के खिलाफ मुकदमे का कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में किया समर्थन, जानें क्या है वजह

भादंवि की धारा 375 का अपवाद 2 पति द्वारा पत्नी पर बलात्कार को अपराध की श्रेणी से बाहर करता है।

Highlightsवैवाहिक बलात्कार के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान करने के बावजूद आरोपी को इस स्तर पर दोषमुक्त नहीं किया जा सकता है।भादंवि की धारा 375 का अपवाद 2 पति द्वारा पत्नी पर बलात्कार को अपराध की श्रेणी से बाहर करता है।

नई दिल्लीः कर्नाटक सरकार ने एक व्यक्ति के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में चल रहे वैवाहिक दुष्कर्म मामले का समर्थन किया है। प्रदेश सरकार ने कहा कि राज्य के उच्च न्यायालय ने कानून के सभी संबंधित पहलुओं पर विचार किया है। यह कदम उस बहस के बीच उठाया गया है कि कानून में उस धारा को क्या खत्म कर दिया जाना चाहिए जो पति द्वारा दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी से बाहर करती है।

न्यायालय के समक्ष दाखिल एक हलफनामे में कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करने की मांग की है और वैवाहिक बलात्कार के आरोपी पति के खिलाफ मुकदमा चलाने का समर्थन किया है।

हलफनामे में कहा गया, “यह सम्मानपूर्वक प्रतिवेदित है कि याचिका न तो कानून में और न ही तथ्यों के आधार पर सुनवाई योग्य है और इसे शुरुआत में ही खारिज करने की आवश्यकता है।” इसमें कहा गया, “यह सम्मानपूर्वक प्रतिवेदित किया गया है कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने वर्तमान याचिका में शामिल कानून के सभी प्रश्नों पर विचार किया है और इस न्यायालय द्वारा किसी भी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।”

मामले का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार ने कहा कि आरोप अंतत: टिकता है या नहीं, यह सुनवाई का विषय है और भारतीय दंड विधान (भादंवि) के तहत पतियों को वैवाहिक बलात्कार के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रदान करने के बावजूद आरोपी को इस स्तर पर दोषमुक्त नहीं किया जा सकता है।

भादंवि की धारा 375 का अपवाद 2 पति द्वारा पत्नी पर बलात्कार को अपराध की श्रेणी से बाहर करता है। हलफनामा कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ व्यक्ति द्वारा अपील पर शीर्ष अदालत द्वारा जारी नोटिस के जवाब में दाखिल किया गया था।

उच्च न्यायालय के अनुसार, पति द्वारा अपनी पत्नी पर यौन हमले का महिला की मानसिक स्थिति पर गंभीर परिणाम होगा क्योंकि इसका उस पर मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों प्रभाव पड़ता है। उच्च न्यायालय ने कहा था, “पति के ऐसे कृत्य पत्नी की आत्मा को आहत करते हैं। इसलिए, कानून निर्माताओं के लिए यह जरूरी है कि वे अब ‘मौन की आवाज सुनें’।”

अपने पति के खिलाफ बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध और अपनी ही बेटी के यौन उत्पीड़न की भी शिकायत दर्ज कराने वाली याचिकाकर्ता की पत्नी ने कहा कि वह शादी के दिन से ही अपने पति की यौन दासी बन गई थी।

Web Title: Karnataka government supported case against person marital rape Supreme Court Exception 2 to section 375 IPC decriminalizes rape by husband on wife

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