कर्नाटक बहुमत परीक्षण: मिल गए कांग्रेस के 2 लापता विधायक, प्रतापगौड़ा पुलिस सुरक्षा में विधान सभा पहुंचाए गए
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 19, 2018 02:18 PM2018-05-19T14:18:10+5:302018-05-19T15:19:15+5:30
बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा को शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करना है। येदियुरप्पा को सदन में मौजूद विधायकों के आधे से एक अधिक विधायक के समर्थन की जरूरत होगी।
बेंगलुरु, 19 मई: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक के लापता बताए जा रहे विधायक आनंद सिंह एक होटल से मिले हैं। वहीं रिपोर्ट के अनुसार दूसरे लापता विधायक प्रतापगौड़ा पाटिल भी एक होटल से ही मिले हैं। दोनों विधायकों को पुलिस सुरक्षा में होटल से निकाले गये। इन दोनों विधायकों को पुलिस सुरक्षा में विधान सभा में ले जाया गया है। कर्नाटक विधान सभा में शनिवार को 220 विधायकों ने पद की शपथ ली। अभी विधान सभा साढ़े तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। बहुमत परीक्षण चार बजे होगा। बीजेपी के पास 104, कांग्रेस के पास 78, जेडीएस 37, बहुजन समाज पार्टी 1 और अन्य के पास दो सीटें हैं।
आनंद सिंह विजयनगर (बेल्लारी) से दो बार विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के सम्पर्क में थे। खदान कारोबारी आनंद सिंह शपथ ग्रहण के बाद विधायक पद से इस्तीफा दे सकते हैं। आनंद सिंह साल 2008 से 2013 तक बीजेपी की येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। आनंद सिंह ने जनवरी 2018 में बीजेपी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गये। आनंद सिंह को नवंबर 2013 में गिरफ्तार किया गया था। मार्च 2015 में उन्हें सशर्त जमानत मिली थी। आनंद सिंह 16500 करोड़ रुपये के खनन घोटाले में जनार्दन रेड्डी के साथ सह-अभियुक्त हैं। आनंद सिंह को रेड्डी बंधुओं का करीबी माना जाता है। जनार्दन रेड्डी के भाई इस चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार थे। एचडी कुमारस्वामी ने आरोप लगाया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आनंद सिंह को डराने के लए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का दुरुपयोग कर रही है। हालाँकि बीजेपी और मोदी सरकार ऐसे आरोपों को गलत बताती है।
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प्रतापगौड़ा पाटिल रायचुर के मस्की विधान सभा सीट से विधायक बने हैं। प्रतापगौड़ा खराब सेहत को बहाना बनाकर एगल्टन रिसॉर्ट से गायब हो गये। विधायकों की खरीद-फरोख्त की खबरों के बीच कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को इस रिसॉर्ट में रखा गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रतापगौड़ा ने कांग्रेस से पहले बीजेपी से टिकट माँगा था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। साल 2008 में प्रतापगौड़ा बीजेपी के टिकट पर विधायक बने थे। इस बार वो कांग्रेस के टिकट पर सदन में पहुंचे हैं।
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कर्नाटक की 224 विधान सभा सीटों में से 222 विधान सभा सीटों के लिए 12 मई को मतदान हुआ था। 15 मई को चुनाव के नतीजे आए। बीजेपी को 104 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली। जेडीएस की साझीदार बहुजन समाज पार्टी को एक सीट पर जीत मिली। एक सीट पर केपी जनता पार्टी और एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली। चुनाव परिणाम की अंतिम घोषणा से पहले ही कांग्रेस ने जीडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। कांग्रेस की घोषणा के बाद बीजेपी के सीएम पद के उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा राज्यपाल वजुभाई वाला से मिले और सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया।
राज्यपाल वजुभाई वाला ने 16 मई की रात बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दिया। कांग्रेस और जेडीएस ने वजुभाई वाला के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। कांग्रेस और जेडीएस ने सर्वोच्च अदालत में दावा किया कि उनके पास 116-117 विधायकों का समर्थन है और राज्यपाल को उन्हें मौका देना चाहिए था। सर्वोच्च अदालत की तीन जजों की पीठ ने आधी रात को मामले की सुनवाई करते हुए येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से इनकार करते हुए मामले की अगली सुनवाई 18 मई को करने की बात कही। जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एसके बोबड़े और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने कर्नाटक सरकार की तरफ से पेश वकील से राज्यपाल वजुभाई वाला को बीएस येदियुरप्पा द्वारा 15 मई और 16 मई को सौंपे गये दोनों पत्र अदालत में पेश करने का आदेश दिया था।