बीएस येदियुरप्पा बने कर्नाटक के सीएम, शपथ ग्रहण से 16 मिनट पहले राहुल ने किया ये ट्वीट
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 17, 2018 09:12 AM2018-05-17T09:12:37+5:302018-05-17T10:15:27+5:30
कर्नाटक विधान सभा के नतीजे 15 मई को आए। बीजेपी को 104 सीटों पर जीत मिली है। राज्य में बहुमत हासिल करने के लिए 112 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर बीएस येदियुरप्पा के गुरुवार (17 मई) सुबह नौ बजे शपथ ग्रहण करने से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला करते हुए कहा है कि भारत लोकतंत्र की हार पर मातम मनाएगा। राहुल गांधी ने गुरुवार सुबह 8.44 पर ट्वीट किया, "बहुमत का आंकड़ा न होने के बावजूद कर्नाटक में सरकार बनाने की बीजेपी की जिद अतार्किक है। ये संविधान का मजाक उड़ाना है। आज सुबह बीजेपी अपनी खोखली जीत का जश्न मनाएगी। भारत लोकतंत्र के हार का मातम मनाएगा।" कर्नाटक विधान सभा की 224 सीटों में से 222 सीटों के 15 मई को आए नतीजों में बीजेपी 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। कांग्रेस को 78 सीटें और जनता दल (सेकुलर) को 37 सीटें मिलीं। जेडीएस की साझीदार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को एक सीट पर जीत मिली। एक सीट केपी जनता पार्टी को और एक निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है।
पूरे नतीजे आने से पहले ही कांग्रेस ने जेडीएस को बिना किसी शर्त के समर्थन देने की घोषणा कर दी। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद के रूप में कांग्रेस ने समर्थन दिया। कांग्रेस और जेडीएस ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। वहीं बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने भी सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया। बुधवार (16 मई) को राज्यपाल वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने का मौका दिया। येदियुरप्पा को 15 दिनों के अंदर विधान सभा में बहुमत साबित करना होगा।
बुधवार देर शाम वजुभाई वाला ने येदियुरप्पा को राज्य में सरकार आने का न्योता दिया। कांग्रेस और जेडीएस राज्यपाल वजुभाई के फैसले के खिलाप सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ ने येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण पर रोक लगाने से मना करते हुए मामले पर अगली सुनवाई गुरुवार सुबह 10.30 बजे करने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट ने एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से राज्यपाल वजुभाई को येदियुरप्पा द्वारा 15 मई और 16 मई को दिए गये पत्र सर्वोच्च अदालत में पेश करने के लिए कहा है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीएस येदियुरप्पा को विधान सभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिनों का समय दिया है। इसीलिए बीएस येदियुरप्पा ने अकेले ही पद की शपथ ली। उनके साथ किसी अन्य मंत्री ने शपथ नहीं ली।