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कर्नाटक सरकार लगाएगी फर्जी खबरों पर अंकुश, मुख्यमंत्री ने फेक न्यूज से लड़ने के लिए राज्य स्तरीय फेक्ट चेक इकाई को मंजूरी दी

By रुस्तम राणा | Updated: August 22, 2023 15:24 IST

फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने और गलत सूचना के प्रसार को दंडनीय अपराध बनाने के लिए सरकार ने फेक्ट चेक यूनिट को मंजूरी दी है। इस यूनिट को आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे संभालेंगे।

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ठळक मुद्देमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए मानदंड बनाने का भी निर्देश दियासिद्धारमैया ने कहा कि फर्जी खबरें समाज में ध्रुवीकरण के पीछे "मुख्य कारण" हैंइस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री ने फर्जी खबरों को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार अब फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने को तैयार है। सोमवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने फेक न्यूज से लड़ने के लिए राज्य स्तरीय फेक्ट चेक इकाई को मंजूरी दे दी है। फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने और गलत सूचना के प्रसार को दंडनीय अपराध बनाने के लिए सरकार ने फेक्ट चेक यूनिट को मंजूरी दी है। इस यूनिट को आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खड़गे संभालेंगे।

सोमवार को यहां संबंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक में सिद्धारमैया ने कहा कि फर्जी खबरें समाज में ध्रुवीकरण के पीछे "मुख्य कारण" हैं और यह लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने अधिकारियों को फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने के लिए मानदंड बनाने का भी निर्देश दिया। 

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को तीन स्तरों पर निपटाया जाना चाहिए जिसमें फर्जी खबरें फैलाने वाले सिंडिकेट्स की पहचान, फर्जी खबरों के प्रसार पर रोक और ऐसे दोषियों के लिए कड़ी सजा शामिल है। तथ्य जांच इकाई में एक पर्यवेक्षण समिति, नोडल अधिकारी, एक तथ्य-खोज समिति और एक क्षमता-निर्माण टीम शामिल होने की संभावना है।

खड़गे ने बताया कि कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से डीप फेक का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए फर्जी खबरों की पहचान करना महत्वपूर्ण है और आश्वासन दिया कि आईटी/बीटी विभाग सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि बाद के चरणों में इसे गृह विभाग के दायरे में आना चाहिए।

राजस्व मंत्री कृष्णा बायरे गौड़ा ने आग्रह किया कि आम आदमी को यह जागरूकता होनी चाहिए कि फर्जी खबरें फैलाना एक अपराध है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार फैक्ट-चेकर्स को सूचीबद्ध करेगी। सूत्र ने कहा, "ऐसे तथ्य-जांचकर्ता होंगे जो सामग्री में गहराई से उतरेंगे। हमारे पास ऐसे लोग भी होंगे जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग करके सामग्री की निगरानी करके सक्रिय हैं।"

सूत्र ने कहा, "एक बार जब वे किसी मुद्दे को चिह्नित करते हैं, तो इसे गृह विभाग के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी रखा जाएगा। यदि कोई फर्जी खबर है जो हानिकारक नहीं है, तो इसे हटा दिया जाएगा और एक चेतावनी जारी की जाएगी। यदि सामग्री हानिकारक है तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।" 

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