बेंगलुरु:महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच जारी सीमा विवाद एक बार फिर से तूल पकड़ रहा है। ऐसे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए दिखे जिसमें पवार ने कहा था कि उन्हें खेद है कि बेलगाम, निपाई और कारवार सहित राज्य की सीमा पर कई मराठी भाषी गांव अभी तक महाराष्ट्र का हिस्सा नहीं बन सके। यह बयान पवार ने रविवार को महाराष्ट्र दिवस के मौके दिया था।
अपनी बात को जारी रखते हुए अजित पवार ने ये भी कहा था कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम इन गांवों के लोगों द्वारा महाराष्ट्र का हिस्सा बनने की लड़ाई का समर्थन करते रहेंगे। वहीं, पवार के इस बयान का बोम्मई ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब भी महाराष्ट्र में कोई राजनीतिक संकट होता है और अभी भी हो रहा है है, तो उनकी पूरी सरकार चरमरा जाती है। उन्होंने राजनीतिक रूप से जीवित रहने के लिए अब इस भाषा को बोगी बना दिया है। सीमा मुद्दा बहुत स्पष्ट है, हम अपने फैसलों पर मजबूती से खड़े हैं और वे भी इसे जानते हैं।
इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि मैं महाराष्ट्र के राजनेताओं से दृढ़ता से आग्रह करता हूं कि वे अपने राजनीतिक कृत्यों में इस भाषा का प्रयोग न करें। बता दें कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद काफी समय से चलता चला आ रहा है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार बेलगावी, खानापुर, निप्पानी, नंदगाड और कारवार (उत्तरी कन्नड़ ज़िले) की सीमा को लेकर दोनों राज्यों के बीच में विवाद है। यही नहीं, महाराष्ट्र के कुछ नेताओं ने साल 1956 में भाषाई आधार राज्यों के पुनर्गठन के दौरान मराठी भाषी बेलगावी सिटी, खानापुर, निप्पानी, नांदगाड और कारवार को महाराष्ट्र का हिस्सा बनाने की मांग की थी।