कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को कर्नाटक उच्च न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। दो हफ्ते पहले भी येदियुरप्पा को कोर्ट की तरफ से निराशा हाथ लगी थी। एक बार फिर 5 जनवरी को हाईकोर्ट ने भ्रष्टचार मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया है। येदियुरप्पा के खिलाफ दायर 2015 के एक भष्ट्रचार मामले पर कोर्ट ने एफआईआर को रद्द करने से साफ मना कर दिया है।
येदियुरप्पा के खिलाफ 2015 में दर्ज भ्रष्टाचार के मामले को मंगलवार को खारिज करने से इनकार कर दिया। आरोप है कि वर्ष 2006-07 में अपने कार्यकाल के दौरान एक सरकारी भूखंड की अधिसूचना गैरकानूनी ढंग से रद्द की। उस वक्त येदियुरप्पा कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री थे। येदियुरप्पा ने अपनी याचिका में कोर्ट से वासुदेव रेड्डी द्वारा 2013 में एक अदालत में दायर एक निजी शिकायत के आधार पर फरवरी 2015 में लोकायुक्त पुलिस द्वारा उठाए गए भ्रष्टाचार के मामले को खत्म करने की अपील की थी। लेकिन कोर्ट ने उनके अपील को खारिज कर दिया है।
कांगेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कुछ दिन पहले कर्नाटक के सीएम पर यह आरोप भी लगाया कि येदियुरप्पा अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में जांच को अटका रहे हैं और भाजपा नेतृत्व भी इस भ्रष्टाचार में संलिप्त है। उन्होंने कहा था कि उच्च न्यायालय ने जो कहा है, उससे सारी चीजें एकदम स्पष्ट हो गई हैं। भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा का नेतृत्व खामोश है।