कर्नाटक: ठेकेदार और संत के बाद बीबीएमपी ठेकेदारों ने सरकार पर लगाए घूसखोरी के आरोप, कहा- 40 फीसदी कमीशन पर ही होता है भुगतान
By विशाल कुमार | Published: April 20, 2022 08:45 AM2022-04-20T08:45:44+5:302022-04-20T08:51:54+5:30
बीबीएमपी ठेकेदारों के संघ ने बीबीएमपी फंड के तहत नवंबर 2019 से जमा हुए 3,500 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को सरकार द्वारा मंजूरी नहीं देने पर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। मुख्यमंत्री अमृत नगरोथाना योजना के तहत कथित तौर पर सरकार पर ठेकेदारों का 300 करोड़ रुपये बकाया है।
बेंगलुरु:कर्नाटक सरकार पर एक ठेकेदार और मठों के एक प्रमुख संत द्वारा घूसखोरी का आरोप लगाए जाने के बाद बीबीएमपी ठेकेदारों के संघ ने कहा कि उनके बिलों का भुगतान तभी किया जाता है जब वे 40 फीसदी कमीशन देते हैं।
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बीबीएमपी फंड के तहत नवंबर 2019 से जमा हुए 3,500 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को सरकार द्वारा मंजूरी नहीं देने पर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है। मुख्यमंत्री अमृत नगरोथाना योजना के तहत कथित तौर पर सरकार पर ठेकेदारों का 300 करोड़ रुपये बकाया है।
बीबीएमपी कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि वे अभी भी भुगतान के बारे में सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। एसोसिएशन के पास बीबीएमपी कार्यों को अंजाम देने वाले 2,000 ठेकेदार हैं, जिनमें से 200-300 ने 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के काम किए हैं। अगर बातचीत विफल हुई तो हड़ताल पर जाएंगे।
एसोसिएशन के एक सदस्य ने कहा कि हमने लोकायुक्त और एसीबी में कई बार शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सदस्यों का कहना है कि मोटे कमीशन के लिए उत्पीड़न और लंबित भुगतानों ने कई परिवारों को भुखमरी की ओर धकेल दिया है।
बता दें कि, बीते 12 अप्रैल को तत्कालीन मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाते हुए उडुपी के एक होटल में एक ठेकेदार ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद ईश्वरप्पा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था और शनिवार को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
वहीं, लिंगायत समुदाय के एक संत ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य में व्याप्त भ्रष्टाचार से मठ भी प्रभावित हैं और वे भी स्वीकृत अनुदान प्राप्त करने के लिए 30 प्रतिशत कमीशन देते हैं।