Karnataka Assembly Elections 2023: डीके शिवकुमार ने कहा, "कांग्रेस कर्नाटक में कर सकती है पुरानी पेंशन स्कीम के बहाली की घोषणा"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 30, 2023 22:10 IST2023-04-30T22:06:15+5:302023-04-30T22:10:03+5:30
कर्नाटक कांग्रेस के प्रमख डीके शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस चुनावी घोषणापत्र में पुरानी पेंशन योजना को शामिल कर सकती है जैसा कि कांग्रेस ने पिछले साल के विधानसभा के चुनाव में भाजपा को हराने के लिए हिमाचल प्रदेश में किया था।

फाइल फोटो
बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव में अब सत्ताधारी भाजपा को चित करने के आखिर पैतरों में विपक्षी दल कांग्रेस पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली का ऐलान करके भाजपा को घेर सकती है। इस संबंध में कर्नाटक कांग्रेस के प्रमख डीके शिवकुमार ने रविवार को इशारों में कहा कि कांग्रेस अपने चुनावी घोषणापत्र में पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को शामिल कर सकती है जैसा कि कांग्रेस ने पिछले साल के विधानसभा के चुनाव में भाजपा को हराने के लिए हिमाचल प्रदेश में किया था।
पत्रकारों से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, "कांग्रेस अपना घोषणापत्र एक-दो दिनों में जारी करेगी और हम पुरानी पेंशन स्कीम सहित जनता के कल्याण के लिए और भी कई योजनाओं को शामिल करने के लिए गंभीर मंथन कर रहे हैं। अब कर्नाटक में ये कैसे लागू होगा, हम इसके व्यापक रणनीति पर अभी काम कर रहे हैं और आने वाले एक-दो दिनों में हम इसे तैयार कर लेंगे। कर्नाटक की जनता के लिए कांग्रेस पूरी तरह से पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, जैसे की हमने न केवल हिमाचल बल्कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किया है।"
कांग्रेस के अलावा इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने के लिए पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस भी अपने चुनावी घोषणापत्र में पुरानी पेंशन स्कीम की समीक्षा की बात कही है। इसके अलावा जेडीएस ने घोषणा पत्र में वादा किया है कि वो कर्नाटक के कर्मचारियों के लिए एक नई पेंशन योजना लाएंगे, जो मौजूदा पेंशन स्कीम और पुरानी पेंशन स्कीम से अच्छी होगी।
समाचार वेबसाइट डेक्कन हेराल्ड के अनुसार अब डीके शिवकुमार के इस संबंध में बयान देने से साफ है कि जेडीएस और कांग्रेस राज्य के सरकारी कर्मचारियों को लुभाने की कोशिश करेंगे, जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से नाराज हैं। मौदूजा समय में कर्नाटक के कुल 7.41 लाख सरकारी कर्मचारियों में से 2.97 लाख नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के दायरे में आते हैं।
एनपीएस को कर्नाटक में उन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू किया गया था जो 1 अप्रैल, 2006 को या उसके बाद राज्य सरकार की सेवा में शामिल हुए थे। लेकिन कई सरकारी कर्मचारी नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से खिन्न हैं, जो बाजार के जोखिमों के अधीन सेवानिवृत्ति योजना है।
बीते फरवरी के अंत में पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर जब सरकारी कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था तो मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) को खत्म करके पुरानी पेंशन की बहाली के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसे मई से पहले रिपोर्ट देनी है।
मुख्यमंत्री पद के दावेदार शिवकुमार ने पीएम मोदी के यह कहने पर की कांग्रेस नेताओं ने उन्हें 91 बार गाली दी है, कहा, "मुझे आश्चर्य है कि विश्वगुरु के नाम से जाने जाने वाले एक बड़े व्यक्तित्व कर्नाटक आते हैं और उनकी कितनी बार आलोचना की गई, वह गिनते हैं। हमने उनसे विकास और विकास के बारे में बात करने की उम्मीद की थी।"
इसके साथ ही डीके शिवकुमार ने जनता से पीएम मोदी के नाम पर वोट देने की अपील की आलोचना करते हुए कहा, "उनके और कर्नाटक के बीच क्या संबंध है? डबल इंजन सरकार ने क्या किया है? इसे जनता ने देख लिया है, उसके बाद भी वो झूठ बोल रहे हैं, हैरत होती है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर"