चुनाव स्पेशलः उत्तर कर्नाटक में बीजेपी, दक्षिण कर्नाटक में जेडीएस का वर्चस्व, कांग्रेस कैसे तोड़ेगी तिलिस्म?
By भारती द्विवेदी | Published: May 8, 2018 07:38 PM2018-05-08T19:38:18+5:302018-05-09T09:18:16+5:30
कर्नाटक चुनावः इस चुनाव को जीतने के लिए वहां की स्थानीय पार्टियां भी अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई हैं।
नई दिल्ली, 8 मई: कर्नाटक चुनाव प्रचार अपने अंतिम दौरे में पहुंच चुका है। एक तरफ भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। वहीं सोनिया गांधी दो साल बाद किसी चुनाव प्रचार में नजर आई हैं। इस चुनाव को जीतने के लिए वहां की स्थानीय पार्टियां भी अपनी पूरी ताकत झोंकी हुई हैं। आपको बता दें कि पूरा कर्नाटक छह हिस्सों में बंटा हुआ है। ऐसे में आज हम आपको वैसे दो हिस्सों से रूबरू करवाएंगे, जिसमें एक हिस्से पर बीजेपी का कब्जा है। वहीं दूसरे पर जेडीएस का दबदबा है।
उत्तर कर्नाटक, जहां भाजपा की तूती बोलती है
उत्तर कर्नाटक के तहत 12 जिले के करीब 80 विधानसभा सीटें आती हैं। कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उत्तर कर्नाटक के बादामी विधानसभा से लड़ने का फैसला किया है। सिद्धरमैया के इस इलाके से उतरने से कांग्रेस बागलकोट, बीजापुर, हावेरी, बेलगावी, धारवाड़,बेलगाम, हुबली और गदग जिले के आने वाली सीटों पर कांग्रेस को मजूबत करने का प्लान है।
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वहीं उत्तर कर्नाटक का इलाका भाजपा का गढ़ माना जाता है। बीजेपी के दिग्गज नेताओं में जगदीश शेट्टर और प्रह्लाद जोशी इसी क्षेत्र से आते हैं। साल 1985 में भाजपा ने पहली बार कर्नाटक में 18 सीटें जीती थी। उनमें 11 सीट सिर्फ उत्तर कर्नाटक से थी। फिर भाजपा ने 1994 में 11 सीट, 1999 में 15 सीट, 2004 में 41 सीट और 2008 में 80 में से 56 सीटें जीती थीं। लेकिन साल 2013 के चुनाव में भाजपा को तगड़ा झटका लगा था, 56 से सीधे 19 सीटों पर आ गई थी।
दक्षिण कर्नाटक, जहां जनता दल सेक्युलर का वर्चस्व है
दक्षिण कर्नाटक में सात जिले हैं, जिसमें 52 विधानसभा आते हैं। चामराज नगर, हासन, मांड्या, मैसूर, कोलार, तुमकुर और चिक्कबल्लपुर ये दक्षिण कर्नाटक के सात जिले हैं। दक्षिण कर्नाटक में वोक्कालिंगा और दलित वोटर ही हार और जीत तय करते हैं। इस पूरे एरिया में कांग्रेस और जेडीएस के बीच सीधा मुकाबला होता है। चामुंडेश्वरी से मुख्यमंत्री सिद्धरमैया चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस जेडीएस के दुर्ग में सेंधमारी करने की तैयारी में है। वहीं जेडीएस के मुखिया एचडी देवगौड़ा के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अपने दुर्ग को सुरक्षित रखने के लिए चामंडेश्वरी में डेरा जमाए हुए हैं।
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मौजूदा समय में मैसूर की 11 सीटों में से आठ पर कांग्रेस का कब्जा है। जेडीएस के पास सिर्फ तीन और भाजपा के पास एक सीट है। जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा हासन जिले से आते हैं।
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