कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर ड्रामा जारी है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और मुख्य न्यायाधीश से तत्काल सुनवाई की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक सुरेश कुमार के बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण होने के ट्वीट के बाद कर्नाटक में खलबली मच गई है। दूसरी कांग्रेस अपने सभी विधायकों को बस में भरकर रिजॉर्ट में ले गई है। जेडी(एस) नेता एचडी कुमारास्वामी बेंगलुरु स्थित रिजॉर्ट पहुंचे जहां सभी विधायकों को रखा गया है।
बुधवार शाम राज्यपाल वसुभाई वाला ने आधिकारिक लेटर जारी कर दिया। लेटर के मुताबिक बीएस येदियुरप्पा को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता चुन लिए गये। येदियुरप्पा ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। वो शपथ ग्रहण कर सकते हैं और 15 दिन के अंदर सदन में अपना बहुमत साबित करें।बात दें कि जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने भी मंगलवार को राज्यपाल से मिलकार कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाने का दावा किया था।
मंगलवार (15 मई) को आए चुनाव नतीजो में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 104 कांग्रेस 78 और जेडीएस 37, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) एक, केपी जनता पार्टी एक को सीट मिली है। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 112 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ती है।
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- मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई है। अधिक पढ़ेंः- कर'नाटक: कांग्रेस-जेडी(एस) ने आधी रात को खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, CJI से तत्काल सुनवाई की गुहार
- बीजेपी नेता मुरलीधर राव ने कहा कि बीएस येदियुरप्पा कल अकेले शपथ ग्रहण करेंगे। 15 दिन में बहुमत साबित होने के बाद कैबिनेट का गठन किया जाएगा।
- कर्नाटक के राज्यपाल वसुभाई वाला ने बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। उन्हें 15 दिनों में बहुमत साबित करना होगा।
-बेंगलुरु कमिश्नर को सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा गया है।
- कांग्रेस सभी विधायकों को बेंगलुरु के नजदीक एक रिजॉर्ट में ले गई है।
- बीजेपी के विधायक सुरेश कुमार ने एक ट्वीट कर कहा कि कल शपथ ग्रहण समारोह है। उनके अनुसार कल सुबह साढ़े 9ः30 बजे बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ्ा लेंगे। उन्होंने इस दौरान लोगों से इसमें भाग लेने की अपील भी की है।
- कर्नाटक केपीसीसी अशोक गहलोत ने कहा है कर्नाटक एकजुट हैं। उनके विधायक होटल रहे या फिर कहीं और, पर रहेंगे एक साथ। क्योंकि इस वक्त हार्स ट्रेडिंग चल रही है।
- राज्यपाल वजुभाई वाला ने पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से बात की है। उन्होंने ऐसे मामलों में संवैधानिक विकल्पों की जानकारी ली है।
- दिनभर चले हाई वोल्टेड ड्रामा के बाद शाम को एक बार फिर राजभवन की ओर से येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता भेजने की सुगबुहाट है।
- वह सोचते हैं कि वे पार्टी के बॉस हैं। पार्टी अंदरूनी कलह से गुजर रही है। इन सब कारण सिद्धारमैया का घमंडी व्यवहार है। पार्टी के भीतर कई लोगों का यही विचार है। लेकिन कोई खुलकर बोल नहीं रहा।- केबी कोलीवाड, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष व कांग्रेस नेता
- कांग्रेस नेता परमेश्वरम और जेडीएस विधायक दल के नेता एचडी कुमार स्वामी ने राज्यपाल वजुभाई वाला से मिलकर बहुमत की संख्या वाले विधायकों की दख्तखत वाली चिट्ठी सौंपी है। बाहर आकर मीडिया से बातचीत में कुमारस्वमी ने कहा कि उन्होंने अपनी बात राज्यपाल तक पहुंचा दी है। वे कर्नाटक में सरकार बनाने के पहले अधिकारी हैं। क्योंकि उनके बाद बहुमत है। कुमारस्वामी के अनुसार, उन्होंने कर्नाटक में सरकार बनाने के सभी जरूरी कागजात राज्यपाल को सौंप दिया है।
- कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के नए विधायक और अन्य नेता राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करने के लिए बस में भरकर राजभवन के लिए निकले हैं। कांग्रेस और जेडीएस राज्यपाल को सभी विधायकों के दस्तखत वाला समर्थन पत्र सौंपेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस ने समर्थन दिया है।
- कांग्रेस-जेडीएस बुधवार शाम पाँच बजे राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करेंगे। कांग्रेस और जेडीेस नेता राज्यपाल को सभी विधायकों के दस्तखत वाला समर्थन पत्र सौंपेंगे।
- कुमारस्वामी के आरोपों के जवाब में बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जेडीएस नेता काल्पनिक बात कर रहे हैं। जावड़ेकर ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप को पूरी तरह से गलत बताया।
- कांग्रेस और जेडीएस के विधायक मुख्यमंत्री के तौर पर एचडी कुमारस्वामी को समर्थन देने वाले पत्र पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। ये समर्थन पत्र राज्यपाल वजुभाई वाला को सौंपा जाएगा। इससे पहले एचडी कुमारस्वामी ने दावा किया है कि जेडीएस विधायकों को दल-बदल के लिए 100-100 करोड़ रुपये ऑफर किये जा रहे हैं।
- बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया है कि वो गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
- खरीद-फरोख्त की खबरों के बीच कांग्रेस विधायकों को एक रिसॉर्ट में ले जाया गया है। इससे पहले मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उसके तीन विधायक नहीं पहुंचे थे। यानी कांग्रेस के 75 विधायकों को इस रिसॉर्ट में ले जाया गया है। कांग्रेस और जेडीएस दोनों ने बीजेपी पर उनके विधायकों से "सम्पर्क" करने का आरोप लगाया है।
- जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी कुछ ही देर में प्रेस वार्ता करने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कांग्रेस के तीन और जेडीएस के दो विधायक "लापता" हैं।
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- कर्नाटक के राज्यपाल वसुभाई वाला से मुलाकात के बाद बीजेपी विधायक दल के नेता बीएस येदियुरप्पा ने मीडिया से कहा कि सरकार बनाने के लिए वो राज्यपाल के फैसले का इंतजार करेंगे। बुधवार (16 मई) को बीएस येदियुरप्पा को भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता चुन लिए गये। येदियुरप्पा ने सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया।
- जेडीएस नेता श्रवण ने बीजेपी पर लगाया विधायकों को लालच देने के आरोप। श्रवण ने कहा, "मुझे नहीं पता वो (बीजेपी) क्या ऑफर कर रहे हैं लेकिन वो हमारे लोगों को फोन करक रहे हैं लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिल रहा। हम सब साथ हैं, कोई हमारी पार्टी को छू नहीं सकता। हमारे विधायक पार्टी के प्रति वफादार हैं।"
- कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश करने का आरोप लगाया है। गुलाम नबी आजाद ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि बीजेपी जेडीएस को तोड़ने में कामयाब नहीं हो सकती। आजाद ने कहा कि जेडीएस के सभी विधायक पार्टी के साथ हैं।
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- बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा ने दावा किया है कि राज्य में उनकी पार्टी की ही सरकार बनेगी। ईश्वरप्पा ने मीडिया से कहा, "इसमें कोी संदेह नहीं कि हम सरकार बनाएंगे। हम 100 प्रतिशत ऐसा करेंगे। इंतजार कीजिए और देखते जाइए। कल नतीजे आए। अभी एक ही दिन हुआ है। देखिए कर्नाटक में एक दिन में क्या होता है।"
- कांग्रेस ने मंगलवार (15 मई) को जेडीएस को बिना समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। बीजेपी और जेडीएस दोनों दलों के नेता बुधवार को भी राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात करेंगे। बीजेपी और जेडीएस दोनों ने मंगलवार को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था। बीजेपी के सीएम उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि उन्होंने राज्यपाल से सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार गठन के लिए बुलाए जाने का अनुरोध किया है। वहीं जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और सिद्धारमैया के साथ राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की और कांग्रेस के समर्थन से सबसे बड़े गठबंधन के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश किया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से कहा कि उनके गठबंधन के पास 117 विधायकों का समर्थन है। कांग्रेस ने दावा किया कि केपी जनता पार्टी और निर्दलीय विधायक ने भी उन्हें समर्थन दिया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी चुनाव से पहले ही जेडीएस से गठबन्ध कर चुकी थी।
- मंगलवार (15 मई) को आए चुनाव नतीजो में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 104 कांग्रेस 78 और जेडीएस 37, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) एक, केपी जनता पार्टी एक को सीट मिली है। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को जीत मिली है। राज्य में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 112 विधायकों के समर्थन की जरूरत पड़ती है। कर्नाटक की 224 विधान सभा सीटों में से 222 सीटों के लिए 12 मई को मतदान हुआ था। दो सीटों पर चुनाव चुनाव आयोग ने टाल दिया था। जयनगर सीट पर बीजेपी उम्मीदवार के निधन के कारण और आरआर नगर सीट में 10 हजार जाली वोटर आईडी मिलने की वजह से चुनाव रद्द करना पड़ा था।
| बहुजन समाज पार्टी | 1 |
| भारतीय जनता पार्टी | 104 |
| भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 78 |
| जनता दल (सेकुलर) | 37 |
| कर्नाटक प्रज्ञावंत जनता पार्टी | 1 |
| निर्दलीय | 1 |
| कुल | 222/224 |
- संविधान विशेषज्ञों के अनुसार सरकार गठन के लिए सबसे बड़े दल या सबसे बड़े गठबन्धन को न्योता देने का विशेषाधिकार राज्यपाल के पास है। राज्यपाल वसुभाई वाला का बीजेपी से लम्बा नाता रहा है। वो गुजरात की बीजेपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वसुभाई वाला का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी पुराना सम्बन्ध रहा है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे तो वो गुजरात विधान सभा के सदस्य नहीं थे। उन्हें विधान सभा में भेजने के लिए वसुभाई वाला ने अपनी विधायक सीट से इस्तीफा दिया था जिसके बाद नरेंद्र मोदी उस सीट से उपचुनाव जीतकर सदन में पहुंचे थे।