कर्नाटक के चुनाव में राज्यपाल बने 'किंगमेकर', चुन सकते हैं ये चार विकल्प
By सुवासित दत्त | Published: May 15, 2018 06:16 PM2018-05-15T18:16:38+5:302018-05-15T18:16:38+5:30
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कर्नाटक की सियासत में आज का दिन उथल-पुथल भरा रहा है। कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और जेडीएस-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। बहुमत के आंकड़े से पीछे छूटने के बाद कांग्रेस ने बीजेपी को रोकने के लिए जेडीएस को समर्थन देने की घोषणा कर दी। दोपहर बाद तक जेडीएस 'किंगमेकर' के तौर पर उभर कर आ गई और कांग्रेस के प्रस्ताव को मंज़ूर कर लिया।
Just now we met Governor because we are single largest party, and that he allows us to prove majority in the Assembly: BS Yeddyurappa #KarnatakaElections2018pic.twitter.com/D9RLMU9zVY
— ANI (@ANI) May 15, 2018
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लेकिन, शाम होते होते कर्नाटक की राजनीतिक सरगर्मी और तेज़ हो गई। बीजेपी और जेडीएस-कांग्रेस के गठबंधन, दोनों ने ही राज्यपाल वजुभाई रुदा भाई वाला से मिलने का समय मांगा। लेकिन, बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार येदियुरप्पा राज्यपाल से मिलने पहले पहुंच गए। येदियुरप्पा के मुताबिक राज्यपाल ने बीजेपी को सरकार बनाने और बहुमत साबित करने का मौका दे दिया है। वहीं, दूसरी तरफ कुमारस्वामी भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे।
HD Kumaraswamy, Siddaramaiah, Ghulam Nabi Azad, and Mallikarjun Kharge at Raj Bhawan in Bengaluru. #KarnatakaElections2018pic.twitter.com/swRZKUbpsT
— ANI (@ANI) May 15, 2018
इस स्थिति में अब कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई रुदाभाई 'किंगमेकर' की भूमिका में आ गए हैं। अब राज्यापल को तय करना है कि वो सरकार बनाने का मौके किसे पहले देते हैं। जानकारों का मानना है कि राज्यपाल को ये तय करने की पूरी छूट है कि वो किसे सरकार बनाने का न्योता देना चाहते हैं।
जानकारों का मानना है कि राज्यपाल के पास चार विकल्प हैं जिसे वो अपना सकते हैं।
- राज्यपाल उस गठबंधन को मौका दे सकते हैं जो चुनाव के पहले तय किए गए थे।
- राज्यपाल सबसे ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी को बुलाकर सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं।
- राज्यपाल चुनाव के बाद बने गठबंधन और सहयोगी पार्टियों को सरकार बनाने का मौके दे सकते हैं।
- राज्यपाल चुनावी नतीजों के बाद सबसे बड़ी पार्टी को अन्य छोटी पार्टियों के सहयोग से सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो कर्नाटक की अगली सरकार बनाने में राज्यपाल की एक बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं। गौरतलब है कि कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई रुदाभाई का बीजेपी से भी पुराना नाता रहा है। वो 2012 से 2014 तक गुजरात विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं। केंद्र मोदी सरकार के बनने के बाद उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया था। गुजरात सरकार में 1997 से 2012 तक वजुभाई गुजरात सरकार में वित्त मंत्री रहे। इससे पहले साल 2001 में वजुभाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अपनी सीट भी छोड़ी थी।